रफ्तार के साथ
सटीक प्रमाणिक खबर
सिर्फ नाम ही काफी है
सरकार...

 

जनसम्पर्क विभाग की सार्थक पहल से छोटे अखबारों के प्रबंधको के खिले चेहरे

लोकेशन उज्जैन

पंकज शर्मा पत्रकार 

 

 

 आयुक्त ने छोटे अखबारों के लिए बड़ी पहल की है। उनकी इस पहल और सकारात्मक सोच को देखकर अंचल के विभिन्न समाचार-पत्रों के संपादक उनके कायल हो गए हैं। संपादकों का मानना है कि चलो कभी तो किसी आयुक्त ने हमारे बारे में बेहतर तरीके से सोचा और साथ में बैठकर हमारी बात को सुना। आयुक्त की सार्थक पहल के चलते संपादक आने वाले दिनों में कुछ बेहतर करने का मन बना रहे हैं।
प्रदेश के जन सम्पर्क आयुक्त मनीष सिंह ने विगत दिवस राजधानी भोपाल स्थित अपने कार्यालय पर ग्वालियर-चंबल अंचल के छोटे अखबारों के संपादकों एवं प्रबंधकों के साथ खास-मुलाकात के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले प्रबंधकों और संपादकों की बात को गंभीरता से सुना और समझा। आयुक्त ने सुचारू रूप से प्रकाशित होने वाले समाचार-पत्रों के प्रबंधकों और संपादकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि समाचार-पत्र समाज में सकारात्मक माहौल पैदा करते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम सब मिलकर साझा रूप से सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए कुछ बेहतर करें। ताकि आमजन के साथ ही समाज व प्रदेश को इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने सहज और सरल भाव में अपनी बात रखते हुए कहा कि संपादकों को चाहिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों के साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में सरकारात्मक खबरों का प्रकाशन करें। ताकि लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके और आपका अखबार अनुकरणीय बनकर एक नजीर पेश करे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अखबार प्रबंधकों एवं संपादकों का जिले में कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अफसरों के साथ बेहतर तालमेल हो। ताकि खबरों और सूचनाओं का आदान-प्रदान आसान हो सके। इसके लिए हम जिला स्तर पर जन संपर्क के माध्यम से सार्थक संवाद स्थापित कराने के प्रयास करेंगे।
शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक तीन माह में जिला स्तर पर बैठक आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही आर्थिक सहायता और अधिमान्यता के जो प्रकरण लंबित हैं उनका शीघ्र समाधान कर पत्रकारों को लाभ दिया जाएगा। प्रदेश भर में यदि पत्रकारों को कोई समस्या से है तो वह सीधे तौर पर मुझे फोन लगाकर अपनी बात रख सकेंगे।
जो श्रेष्ठ करेगा उसे हम सम्मानित भी करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह भी संदेश दिया कि जो अखबार सिर्फ और सिर्फ पीडीएफ फॉर्मेट में चल रहे हैं उन्हें वास्तविक रूप से काम करना होगा। निर्धारित सर्कुलेशन के अनुसार प्रिंट कराकर बाजार में वितरण कराना होगा। साथ ही जिला एवं संभागीय जन सम्पर्क कार्यालय के माध्यम से प्रतिदिन उनकी प्रमुख खबरों की कतरन कर उन्हें प्रदेश मुख्यालय पर भेजना होगा। ताकि ऐसे अखबारों की सतत् निगरानी हो सके। अन्यथा पीडीएफ के सहारे पत्रकारिता करने वाले प्रबंधकों के अखबार चलना मुश्किल होगा।
जो अखबार खबरों के माध्यम से अपना अच्छा प्रदर्शन करेंगे ऐसे अखबारों को प्रदेश स्तर पर आदर्श के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा। ताकि अन्य अखबार वालें भी उनसे सीख ले सकें।
आयुक्त की इस पहल का संपादकों एवं प्रबंधकों से स्वागत किया और छोटे अखबारों के हित में उनका सार्थक कदम बताया। संपादकों को मानना था कि पहली बार किसी आयुक्त ने संकट से जूझ रहे अखबारों की सुध ली है। उनके इस प्रयास से निश्चित तौर पर अखबार प्रबंधकों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपना श्रेष्ठ दे सकेंगे। आयुक्त की इस सार्थक पहल की संपादकों ने एकजुट होकर प्रशंसा की।
बैठक में एडिशनल डायरेक्टर सुरेश गुप्ता, संयुक्त संचालक डीडी शाक्यवार, सहायक संचालक मधु सोलापुरकर, सूचना अधिकारी अनिल वशिष्ठ भी मौजूद थे।

 

न्यूज़ सोर्स : news bulletin media