*स्कूल संचालकों द्वारा विद्यार्थियों व अभिभावकों को पुस्तकें और यूनिफार्म संबंधित स्कूल/संस्था या दुकान विशेष से क्रय किए जाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा* 

 

 *परीक्षा परिणाम से पहले पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा* 

 

 *अधिकृत ऐजेंसी के अतिरिक्त अन्य प्रकाशकों/मुद्रकों द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पुस्तकों का विद्यालय में अध्यापन पर रहेगा प्रतिबंध* 

 

 *आमजन अपनी शिकायत दूरभाष क्रमांक 0734 - 2520711 पर कर सकेंगे* 

 

 *कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह ने धारा 144 के तहत जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश* 

 

उज्जैन / लोकेशन

उज्जैन पंकज शर्मा पत्रकार

 

मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार जिले के निजी स्कूलों के संचालकों व प्राचार्यों द्वारा की जा रही एकाधिकारी प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने। साथ ही अभिभावक को दुकान विशेष/निर्धारित स्थान से पाठ्य पुस्तकों व अन्य शैक्षिक सामग्री यूनिफार्म क्रय करने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से बाध्य करने के प्रकरण में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।

      जारी आदेशानुसार स्कूल संचालक प्राचार्य स्कूल में संचालित प्रत्येक कक्षा के लिये अनिवार्य पुस्तकों की सूची विद्यालय के परीक्षा परिणाम के पूर्व अपने स्कूल की वेबसाईट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करेगें एवं अपने स्कूल परिसर में सार्वजनिक स्थान पर चस्पा करेगें। मान्यता नियमों के अतर्गत वेबसाईट होना अनिवार्य है। साथ ही पुस्तकों की सूची की एक प्रति प्रवेशित अभिभावकों को प्रवेश के समय एवं परीक्षा परिणाम के समय तक उपलब्ध कराएंगे।

     स्कूल संचालक / प्राचार्य विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों को सूचीबद्ध पुस्तकें, परिणाम अथवा उसके पूर्व क्रय किये जाने हेतु बाध्य नहीं करेगें। अभिभावक पुस्तकों की उपलब्धता के आधार पर 15 जून 2024 तक क्रय कर सकेगें। ऐसी स्थिति में अप्रैल माह में प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र प्रथम तीस दिवस की अवधि 01 अप्रैल 2024 से 30 अप्रैल 2024 तक के मध्य का उपयोग विद्यार्थियों के ओरिएंटेशन, व्यावहारिक व मनोवैज्ञानिक पद्धति से शिक्षण में किया जा सकता है।

    स्कूल संचालक जिस नियामक बोर्ड यथा सी.बी.एस.ई/आई.सी.एस.ई/ माध्यमिक शिक्षा मण्डल से संबद्ध है, उस संस्था के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम व पाठ्यक्रम के अंतर्गत नियामक संस्था अथवा उसके द्वारा विधिक रूप से अधिकृत ऐजेंसी यथा-एनसीईआरटी पाठ्यक पुस्तक निगम आदि के द्वारा प्रकाशित एवं मुद्रित पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य प्रकाशकों/मुद्रकों द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पुस्तकों को विद्यालय में अध्यापन के लिए प्रतिबंधित करेंगे। स्कूल संचालक सुनिश्चित करेगें कि उक्त के अतिरिक्त अन्य विषयों जैसे नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान,कम्प्यूटर आदि की प्रकाशकों/मुद्रकों द्वारा प्रकाशित पुस्तकें क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा।

    स्कूल संचालक द्वारा विद्यार्थियों / अभिभावकों को पुस्तकें, कापियों, संपूर्ण यूनिफार्म आदि संबंधित स्कूल/संस्था अथवा किसी भी एक दुकान/विक्रेता/संस्था विशेष से क्रय किए जाने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा। स्कूल संचालक पालक शिक्षक संघ (PTM) अथवा अन्य अवसरों पर सुनिश्चित करेगें कि निजी प्रकाशक / मुद्रक/विक्रेता स्कूल परिसर के भीतर प्रचार-प्रसार के लिए किसी भी स्थिति में प्रवेश नही करेंगे।

     स्कूल संचालक/विक्रेता द्वारा पुस्तकों के सेट की कीमत बढ़ाने के लिए अनावश्यक सामग्री जो निर्धारित पाठ्यक्रम से संबंधित नहीं है, का समावेश सेट में नहीं किया जायेगा। कोई भी विक्रेता किसी भी कक्षा के पूरे सेट को क्रय करने की बाध्यता नहीं रखेगा। यदि किसी विद्यार्थी के पास पुरानी किताबें उपलब्ध हो तो उसके केवल उसकी आवश्यकता की पुस्तकें को ही विक्रेता द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।

    नोट बुक (कॉपी) पर ग्रेड, किस्म, साईज, मूल्य, पेज की संख्या आदि की जानकारी स्पष्ट रूप से उल्लेखित होना चाहिए। कोई भी विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेगें ब्लेजर इसके अतिरिक्त होगा, विद्यालय प्रशासन के द्वारा स्कूल यूनिफार्म का निर्धारण इस प्रकार किया जायेगा कि कम से कम 03 सत्र तक उसमें परिवर्तन नहीं हो। विद्यालय प्रशासन द्वारा वार्षिकोत्सव अथवा अन्य किसी आयोजन पर किसी भी प्रकार की वेशभूषा को विद्यार्थियों/पालकों को क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा।

    जिन विषयों के संबंध में नियामक संस्था के द्वारा कोई पुस्तक प्रकाशित/मुद्रित नहीं की गई है उस विषय से संबंधित किसी अन्य पुस्तक को अनुशंसित करने के पूर्व स्कूल संचालक सुनिश्चित करेगें कि उक्त पुस्तक की पाठ्यसामग्री ऐसी आपत्तिजनक नहीं हो जिससे लोक प्रशांति भंग होने की संभावना हो।

     कोई भी व्यक्ति इस संबंध में अपनी आपत्ति/आवेदन दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (5) के तहत प्रस्तुत कर सकेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा इसका उल्लघंन करने वाले व्यक्ति / संस्था / आयोजक के विरूद्ध भारतीय दण्ड प्रकिया की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। विद्यालय द्वारा उक्त आदेशों की अवहेलना किये जाने पर शाला के प्राचार्य/संचालक के साथ ही शाला प्रबंधक/बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के समस्त सदस्य भी दोषी होगें। आमजन इस आदेश का उल्लंघन होने संबंधी शिकायत कमाण्ड कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 0734/ 2520711 पर कर सकेंगे। यह आदेश उज्जैन जिले की राजस्व क्षेत्र में 3 अप्रैल से लागू रहेगा। जिले के समस्त विद्यालय अपने नोटिस बोर्ड पर उक्त सूचना चस्पा करेंगे। विद्यालय के प्राचार्य उक्त आदेशों की जानकारी प्रबंधक की प्रथम बैठक में सविस्तार रखना सुनिश्चित करेंगे। 

 

टीम न्यूज बुलेटिन मिडिया

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