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पंकज शर्मा
पत्रकार & चीफ इन एडिटर
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श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बात बाबा महाकाल के दरबार में जन सैलाब उफान पर है... बड़ी सख्या में उज्जैन नगरी पधार रहे हे बाबा के भक्त...

 

 हजारों नहीं लाखो की संख्या में  बाबा के भक्त महाकाल लोक निहारने और बाबा की एक झलक पाने के लिए हजारों मीटर की यात्रा कर आते हैं, जब इन भक्तों के साथ महाकाल मंदिर के अंदर ही चोरी की घटना घटित हो जाती है तो उसके मन में क्या बीत दी है ये सिर्फ वही जानता है...जब आप कभी किसी देव लोग स्थान पर हजारों किलो मीटर तय कर जाए और आपका पर्स मंदिर प्रांगण में चोरी हो जाए... ओर अधिकारी कर्मचारी यात्री का सहयोग तक नहीं कर पाए और गोल गोल घुमाते तो अलक विषय बनता है... अनुभव बड़ा कड़वा होगा साहब 

 

मंदिर के अधिकारी कर्मचारी आपको गोल मोल घुमाए , यहा से वहा घूमते रहे तो जो अनुभव होगा उसकी बात ही अलग हैं...
अनुभव के आधार पर लिख रहे हैं...

 


news bulletin की पुखाता खबर के अनुसार आज सुबह ही9:30 से पहले ही 4 लोगो के पर्स चोरी हुवे... भिड़ का फायदा उठा कर हर रोज पर्स चोरी की घटना को अंजाम देते हैं चोर और बाबा के भक्तो को लूट कर चले जाते है... रोज होती हैं मंदिर में चोरी

 
भक्तो के पर्स, बेग, चप्पल जूते चोरी हो ही जाते हैं... यहां आम बात हैं, हमारे अधिकारियो को कोई फर्क नही पड़ता...

 

विशेष सूचना अनुसार आज सुबह 4 लोगो के पर्स ओंकारेश्वर मंदिर से यात्री के अलक अलक चोरी हुवे, यात्री को पता चला तो महाकाल कंट्रोल रूम गए , वहा से उन्हें महाकाल थाने की और अग्रसर कर दिया गया...
अब हमरे अधिकारी फ्री हो गए किसी को कोई फर्क नही पड़ता...हमे क्या लेना हम सिर्फ vip पॉइंट को उठा ते हैं... हमे क्या लेना देना हैं जब हमारे विभाग के किसी बड़े अधिकारी के परिवार वालो के साथ घटना घटेगी तब देखेगै, मामले को रफा दफा कर दिया जाता है...


 vip कल्चर है साहब और कुछ नही...तो आम भक्त क्या हैं ?

 


बाबा की नजर में सब समान होते हैं, बाबा के सब बच्चे हैं , कोई छोटा बड़ा नही होता पर कुछ एक   अधिकारी है जो गलती से बाबा के दरबार को अपना राजपाट मान कर मौखिक आदेश अनुसार संचालित करते जा रहे हैं, बिना किसी सक्षम अधिकारी के नालेज में डाले बिना... कुछ भी उल्लू झुल्लू अपने कर्मचारियों से काम करवा कर बाबा के भक्तो को परेशान करने का पाप कर रहे हैं...

 

 

हर दिन महाकाल मंदिर प्रांगण से किसी ना किसी यात्री का पर्स चोरी हो ही जाता है, चोर इतने चालाक है की पलक झपकते ही काम को अंजाम दे रफू चक्कर हो जाते है... चोरों के बोल वाले हैं यात्रियों की भजीयत...

 


हर महीने लाखो रूपिए  खर्च करने के बात भी यात्रियों की मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, एक मंदिर अधिकारी के अनुसार जब यात्री अपना पर्स ही ना लाए तो चोर क्या चुराएगा...

 

हेना गजब का अधिकारी और मंदिर में बड़े पद पर कार्यरत होने के बात भी गजब की सोच है... ऐसे अधिकारी बाबा के दरबार में सेव देगे तो भक्तो की परेशानी बड़ेगी कम नहीं होगी, इनका क्या है ... शिवराज सरकार को बाबा के मंदिर के प्रति संवेदनशील हो कर विचार करना चाहिए...

शिव के राज में शिव के भक्तो को मुसीबत, परेशानियां कम होने का नाम ही नही ले रही हे, दिनो दिन बड़ी रही हे परेशानियां...

 

 

या ऐसे ही शिव के राज में शिव के भक्तो के पर्स चोरी होते रहेंगे ? और हमारे अधिकारी को कोई फर्क नही पड़ेगा... तो यहां मामला बहुत ऊपर तक जाएगा...


बाबा के भक्त की परेशानी दिनो दिन बढ़ती रहेगी ?


विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कब तक प्रशन चिन्ह लगते रहेंगे ?

 

कई प्रशन यात्रियों ओर जन नेताओ के दिमाग में गुम रहे हैं, जिला कलेक्टर मंदिर समिति अध्यक्ष इस विषय में सोचे की हम बाबा के दरबार में मंदिर समिति के अध्यक्ष है और जिले के राजा होने के नाते बाबा के भक्तो की परेशानियां बड़ा रहे हे या कम कर रहे है...

 

1500rs रूपिये की जल अभिषेक रसीद को नियमित कर बाबा के भक्तो को सरल सुगम आसान तरीके से उपलब्ध करवाए तो रसीद की काला बजारी पर रोक लगे की...


यात्री मजबूरन हो कर ब्लेक में 1500rs की रसीद 3000rs में खरीदता है, जबकि उसको पता है की रसीद 1500rs की हैं और हम दुगने दाम पर खरीद रहे हैं, आस्था बड़ी होती हैं, जहा आस्था होती हे वहा पेसो का मोल नहीं होता है...

 

हमे अपने व्यवस्थाओं में सुधार कर बाबा के भक्तो को सरल आसान तरीके से दर्शन लाभ देना चाहिए...


हजारों किलो मीटर की यात्रा करने के बात बाबा के दर्शन में परेशानियां उठा कर, जल अभिषेक की रसीद ब्लेक में खरीद कर, घंटो लाइन में लग कर, बाबा के दर्शन करने के बात अपने पर्स को खोना... सबसे बड़ी पीड़ा का अवलोगन करवाती है साहब...


आज हम अपने आप को नही रोक पाए जब हमने यात्री से उनके परिवार की परेशानी देखी तो हम मजबूर हो कर लिखना पड़ा, हमे पता हैं आप हमारे हर एक अपडेट को पढ़ते हैं...

 

महाकाल मंदिर से चोरों का सफाया हो । 


मतलबी अधिकारियों के तबादले हो जो कई वर्षों से डेरा डाले हुवे है ओर बाबा के भक्तो की प्रेशानिया दूर नहीं कर पा रहे हैं... एक दूसरे का नाम ले कर पल्ला झाड़ कर मामले से दूरी बना लेते है...


ईमानदार, सजक, जागरुख अधिकारी होने चाहिए, बाबा के भक्तो की परेशानी कम होना चाहिए ना की बड़ना....

 

मीडिया प्रवक्ता टीम से
पंकज शर्मा
पत्रकार
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