महाकाल मंदिर में गर्भ गृह के मामले में मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के बात अपर कलेक्टर / महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को तत्काल प्रभाव से रातों रात हटाया नए महाकाल प्रशासक मृणाल मीणा होगे
*महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को तत्काल रातो रात हटाया / श्री महाकालेश्वर मंदिर अग्नि दुर्घटना में जांच समिति ने सौंपी अंतरिम जांच रिपोर्ट*
*गर्भगृह में अत्यधिक मात्रा में गुलाल को माना दुर्घटना का कारण*
उज्जैन/ लोकेशन
महाकाल मंदिर
मीडिया प्रभारी
*महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक होंगे जिला पंचायत सीईओ श्री मृणाल मीना*
कलेक्टर उज्जैन श्री नीरज कुमार सिंह द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मृणाल मीना को आगामी आदेश तक अपने दायित्वों के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के प्रशासक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया हैं।
बहू चर्चित गर्भ गृह में आग के विषय को लेकर जांच की आग में सबसे पहले अपर कलेक्टर संदीप सोनी को तत्काल प्रभाव से रातों रात हटाया
श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में हुई अग्नि दुर्घटना के लिए गठित जांच समिति द्वारा गुरुवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट दी हैं। जांच समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली पर भस्म आरती के दौरान हुई अग्नि दुर्घटना के लिए गर्भगृह में अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल का लिजाया जाना मुख्य कारण माना गया है। साथ ही दुर्घटना के दौरान एकमात्र निकासी द्वार का 15 मिनिट से अधिक समय तक बंद होना, गर्भगृह में अत्यधिक संख्या से पुजारियों और सेवकों का होना, ड्यूटी पर तैनात मंदिर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी के सौपे गए दायित्वों के पालन में लापरवाही , होली के जारी निर्देशों का उल्लंघन इत्यादि बिंदुओं को भी दुर्घटना का कारण माना गया है। जांच समिति द्वारा प्राथमिक तौर पर होली के त्योहार पर निर्धारित प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए मंदिर के अधिकारी कर्मचारी के साथ सुरक्षा एजेंसी सहित अन्य जिम्मेदारों को दोषी ठहराया गया है। मुंबई के फायर एक्सपर्ट श्री नीलेश उकंडे द्वारा भी अग्नि दुर्घटना का मुख्य कारण अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल को माना गया हैं। सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी हैं।
कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि अग्नि दुर्घटना के लिए विभिन्न स्तर पर लापरवाही पाई गई है। जिसमें प्रमुख रूप से होली त्यौहार के लिए मंदिर प्रशासन के ड्यूटीरत अधिकारी कर्मचारी द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाना, सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही, अत्यधिक मात्रा में गुलाल का मंदिर में लिजाया जाना आदि हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति के निर्देशों के क्रियान्वयन में लापरवाही पर जिम्मेदार मंदिर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा एजेंसी को नोटिस जारी भी किया जा रहा है। अन्य जिम्मेदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए तीन सदस्यीय 4 दल द्वारा काशी विश्वनाथ, तिरुपति, शिर्डी साईं बाबा और सोमनाथ जैसे बड़े प्रमुख मंदिरों का भ्रमण कर वहां की विभिन्न पर्वों पर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अपनी रिपोर्ट देंगे। जिसमें उपयोगी सुझावों को महाकाल मंदिर में भी लागू किया जाएगा। मंदिर के सुव्यवस्थित संचालन और प्रमुख पर्वो के के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) भी तैयार की जाएगी। साथ ही प्रशासनिक दायित्वों का विभाजन भी किया जाएगा।
*जांच समिति द्वारा की गई प्रमुख अनुशंसा*
1/मंदिर में आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और फायरफाइटर सिस्टम लगाया जाए।
2/आवश्यक सुरक्षा उपकरणों और मानव संसाधनों की उपलब्धता कर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
3/व्यवस्थित पास सिस्टम डेवलप करना
4/ भस्म आरती के अतिरिक्त चलित भस्म आरती
5/मंदिर के अंदर मोबाइल सहित सुरक्षा के दृष्टिगत हानिकारक सामग्रियों लिजाने पर पूर्णतः प्रतिबंध
6/ मंदिर में आपातकालीन मार्ग निर्धारित किया जाना
7/रंग पंचमी पर्व पर मंदिर में प्रतीकात्मक होली इत्यादि सुझाव दिए गए हैं।