महाकाल मंदिर में सालों पुरानी परम्परा टूटी पंडित पुरोहित नाराज कर्मचारी ने माफी मांगी

उज्जैन / पंकज शर्मा पत्रकार 
लोकेशन महाकाल मंदिर
मिडिया बिट प्रभारी, उज्जैन

 

सालो पुरानी परम्परा महाकाल मंदिर में अल सुबह डूट गई, जब भगवान श्री महाकाल के पट खुलने से पहले ही जनता भगवान के दरबार में बैठ गई, सूत्रो के अनुसार रविवार की सुबह भगवान श्री महाकालेशुवर की विश्व प्रसिद्ध भस्मारती में जनता भगवान के पट खुलने से पहले ही दरबार में आ कर बैठ गई, जिसको देख पंडित पुरोहित नाराज हुवे और नाराज होते हुवे उन्होंने भस्मारती करने से मना कर दिया ।


रविवार सुबह महाकाल मंदिर के पंडित पुरोहित नाराज हो गए, भस्मारती के पट खुलने से पहले ही जनता भगवान महाकाल के सामने आ बैठी, पंडित पुरोहित ने आरती करने से मना कर दिया, मंदिर कर्मचारी के माफी मांगने पर पंडित पुरोहित माने पर जब तक बड़े सक्षम अधिकारी और जन नेता तक खबर लग गई थी ।

महाकाल मंदिर के कर्मचारी अधिकारी ने मांगी माफी कहा की मंदिर में चारो और निर्माण चल रहा है, ऐसे में भिड़ ज्यादा थी और तेज पानी भी आ रहा था इस कारण जनता को मंदिर के अंदर बैठाना पड़ा, आगे से ऐसा कोई कार्य नहीं होगा, मंदिर की मर्यादा का ख्याल रखा जायेगा ।

मीडिया सूत्र बता रहे की रात में ही बड़े जन नेता, सक्षम अधिकारी और प्रशासन के वरिष्ठ सक्षम अधिकारी को मंदिर से खबर कर दी गई हैं थी आज सालो पुरानी भगवान महाकाल की परम्परा तोड़ी गई हैं भगवान महाकाल के पट खुलने से पहले ही जनता को दरबार में बैठा दिया गया, जिससे मंदिर के पंडित पुरोहित नाराज हो गए है ।

नंदी जी का स्नान, पूजन, आरती भी एकांत में होता है, ये परम्परा भी वक्त के साथ साथ समाप्त हो गई ।

एक दूसरे पर लगा रहे आरोप पर सत्य यही है की सालो पुरानी महाकाल मंदिर की परम्परा अन्न फानन में तोड़ी गई, जवाबदार जो वजह बताए पर ये सही हे की पट खुलने के समय दरबार में एकांत होता है और कोई भी मानव पट खुलते समय भगवान के सामने नहीं दिखाई देता है पर रविवार की सुबह भस्मारती के समय हजार की संख्या में जनता को दरबार में बैठा दिया गया वरिष्ठ सक्षम अधिकारी अपने हिसाब से जो संदेश देवे या कारण बताए पर सही तो यही है की सालो पुरानी मंदिर की परम्परा तोड़ी गई ।

पंडित पुरोहित का क्या मानना है ये हम मीडिया के माध्यम से आपके पास चर्चा कर बताएंगे मंदिर से जुड़े वरिष्ठ जवाबदार सक्षम अधिकारी में अपना मत दे दिया हे की निर्माण कार्य के चलते  और तेज बारिश के कारण आम जनता ओर वीआईपी को पट खुलने से पहले दरबार में बैठा दिया आगे से ऐसा कुछ नही होगा । इस घटना को मंदिर से जुड़े पंडित पुरोहित किस तरह से देखते हैं हम आपको बताएंगे।

 

पंकज शर्मा पत्रकार 
चीफ इन एडिटर
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