महाकाल मंदिर : श्री नागचंद्रेश्वर मन्दिर आस्थाई ब्रिज निर्माण का भूमि पूजन
*श्री नागचन्द्रेश्वर भगवान के दर्शन हेतु बन रहे सेतु का भूमि पूजन संपन्न*
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उज्जैन / पंकज शर्मा
पत्रकार & चीफ इन एडिटर
श्री महाकालेश्वर मंदिर के तृतीय तल पर स्थित भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में एक बार नागपंचमी के अवसर पर 24 घण्टे हेतु खोले जाते है। नागपंचमी पर्व पर नागचन्द्रेश्वर भगवान के दर्शन का महत्व होने से उस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु आते है। मंदिर के दर्शन हेतु एक ऐरो सेतु (फुट ओर ब्रिज) का निर्माण किया जा रहा है। सेतु के प्रस्तावित निर्माण के अंतर्गत आज सायं 7 बजे उक्त निर्माण कार्य प्रारंभ किये जाने के पूर्व भूमि पूजन किया गया।
भूमि पूजन में उज्जैन के सांसद श्री अनिल फिरोजिया, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज, प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड, समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरू, श्री राजेन्द्र शर्मा (गुरू) द्वारा भूमि पूजन किया गया।*मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव व उज्जैन उत्तर विधायक श्री पारसचद्रं जैन वर्चुअली भूमिपूजन के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। श्री यादव ने सेतु निर्माण हेतु सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की।* इस दौरान सहायक प्रशासक श्री लोकेश चौहान, श्री मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के.तिवारी, श्री विशाल राजोरिया, श्री जय दीक्षित, आदि द्वारा भूमि पूजन के दौरान उपस्थित थे। सभी अतिथियों का मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़ द्वारा स्वागत किया गया। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड ने बाताया कि, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायी व महाकाल भगवान के परम भक्त द्वारा इस सेतु का कार्य किया जाकर श्री महाकालेश्वर भगवान व श्री नागन्द्रेश्वर भगवान को अर्पित किया जावेगा। दानदाता द्वारा उनका नाम व सेतु बनाने में लगने वाली राशि को गुप्त रखने की मंशा जाहिर की गई है।श्री धाकड ने बताया कि, मंदिर परिसर स्थित श्री विट्ठल पंढरीनाथ मंदिर से श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर की छत तक उक्त सेतु 27 मीटर 422 एम.एम. (लगभग 91 फीट) लंबा व 10 फीट चौडा होगा, जिसमें 5 फीट आने व 5 फीट जाने का मार्ग होगा। उक्त सेतु 5 खंबों पर बनेगा, जो पूर्ण रूप से अस्थायी होगा। *जिसका कोई भार प्राचीन मंदिर पर नहीं होगा।* सेतु को लगाने हेतु मंदिर परिसर में 5 खंबे हेतु बनाये जाने वाले फाउण्डेशन की गहराई ढाई फिट होगी। ये फाउण्डेशन परिसर में इस प्रकार बनाया जावेगा जिससे कोई असुविधा न हो। जिसमें पहला व अंतिम खंबा 5.4 X 22 मीटर व बीच के तीन खंबे 4.5 X 1.4 मीटर के होंगे। *ये पर्व के अवसर पर इसे लगाया जायेगा, पर्व समाप्ति के उपरांत उक्त सेतु को पूर्ण रूप से हटा लिया जा सकेगा। सेतु के कारण मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी* व सोमवार को नागपंचमी होने से श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में भी असुविधा नहीं होगी व नागचन्द्रेश्वर भगवान के दर्शन बाधित नहीं होंगे। इस वर्ष नागपंचमी 02 अगस्त को है व सेतु का कार्य उसके पूर्व संपूर्ण कर लिया जावेगा।