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पंकज शर्मा
पत्रकार & चीफ इन एडिटर
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बहुत दिनो से स्कूटी का उपयोग नही होने से, विचार आया #Olx पे बेच दे..

 

कीमत Rs 30000/- डाल दी
बहुत आफर आये 15 से 28 हजार तक। 

 


एक का 29 का प्रस्ताव आया। 
उसे भी waiting में रखा।

 

 


कल सुबह काल आया, उसने कहा-
"साहब नमस्कार 🙏 , 
आपकी गाडी का add देखा। पसंद भी आयी है। परंतु  30 जमाने का बहुत प्रयत्न किया, 24 ही इकठ्ठा कर पाया हूँ। बेटा #इंजिनियरिंग के अंतिम वर्ष में है। बहुत मेहनत किया है उसने। कभी पैदल, कभी सायकल, कभी बस, कभी किसी के साथ। सोचा अंतिम वर्ष तो वह अपनी गाडी से ही जाये। आप कृपया  स्कूटी मुझे ही दिजीएगा। नयी गाडी मेरी हैसियत से बहुत ज्यादा है। थोडा समय दिजीए। मै पैसो का इंतजाम करता हूँ। मोबाइल बेच कर कुछ रुपये मिलेंगें। परंतु हाथ जोड़कर कर  निवेदन है साहब,मुझे ही दिजीएगा।"
मैने औपचारिकता में मात्र #Ok  बोलकर फोन रख दिया। 

 

कुछ विचार मन में आये। 
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वापस काल बैक किया और कहा
 "आप अपना #मोबाइल मत बेचिए, कल सुबह केवल 24 हजार  लेकर आईए, गाडी आप  ही ले जाईए वह भी मात्र 24 में ही"
मेरे पास 29 हजार का प्रस्ताव होने पर भी 24 में किसी अपरिचित व्यक्ति को मै स्कूटी देने जा रहा था। 

 

 

सोचा उस परिवार में आज कितने आनंद का निर्माण हुआ होगा। 
कल उनके घर स्कूटीआएगी। 
और मुझे ज्यादा नुकसान भी नहीं हो रहा था।

 

 

ईश्वर ने बहुत दिया है और सबसे बडा धन #समाधान है जो कूट-कूटकर दिया है। 

 

 


अगली सुबह उसने कम से कम 6-7 बार फोन किया
 "#साहब कितने बजे आऊ, आपका समय तो नही खराब होगा। पक्का लेने आऊं, बेटे को लेकर या अकेले आऊ। पर साहब गाडी किसी को और नही दिजीएगा।

 

 


वह 2000, 500, 200, 100, 50 के #नोटों का संग्रह लेकर आया, साथ में बेटा भी था। ऐसा लगा, पता नही कहा कहा से निकाल कर या मांग कर या इकठ्ठा कर यह पैसे लाया है।  

 


बेटा एकदम आतुरता और कृतज्ञता से 🛵 को देख रहा था। मैने उसे दोनो चाबियां दी, कागज दिये। बेटा गाडी पर विनम्रतापूर्वक हाथ फेर रहा था। रुमाल निकाल कर पोछ रहा था। 
उसनें पैसे गिनने कहा, मैने कहा आप गिनकर ही लाये है, कोई दिक्कत नहीं।

 


जब जाने लगे, तो मैने उन्हे 500 का एक नोट वापस करते कहाँ, घर जाते #मिठाई लेते जाएगा। सोच यह थी कि कही तेल के पैसे है या नही। और यदि है तो मिठाई और तेल दोनो इसमें आ जायेंगे।

 


आँखों  में कृतज्ञता के आंसु लिये उसने हमसे विदा ली और अपनी 🛵 ले गया। 

 


जाते समय बहुत ही आतुरता और विनम्रता से झुककर अभिवादन किया। बार बार आभार व्यक्त किया।
 दोस्तो जीवन में कुछ व्यवहार करते समय #नफा नुकसान नहीं देखना चाहिए। 

 


अपने माध्यम से किसी को क्या सच में कुछ आनंद प्राप्त हुआ यह देखना भी होता है।

 


मीडिया प्रवक्ता टीम से
पंकज शर्मा
 पत्रकार
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न्यूज़ सोर्स : मीडिया प्रवक्ता समूह समाचार