सास अभिमान 28 फरवरी 2023 तक चलेगा : उज्जैन news bulletin
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पंकज शर्मा
पत्रकार & चीफ इन एडिटर
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28 फरवरी 2023 तक चलेगा सास अभियान
उज्जैन : गुरूवार, नवम्बर 24, 2022, news bulletin
उज्जैन 24 नवम्बर। बाल मृत्यु में कमी लाई जाना मध्यप्रदेश शासन का प्रमुख लक्ष्य है। 5 वर्ष तक के बच्चों में सबसे अधिक मृत्यु का कारण निमोनिया संक्रमण है। भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार 28 फरवरी 2023 तक सांस अभियान SAAS (Social awareness and Action to neutralized pnemonia successfully) आयोजित किया जाना है।
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इस सम्बन्ध में अभियान की रणनीति तय करने के लिये कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्र में निमोनिया के लक्षणों की पहचान के लिये समझाईश देने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाये तथा साधारण निमोनिया का इलाज फील्ड में ही चिकित्साकर्मियों द्वारा किया जाये। निमोनिया के गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों को ऐसे अस्पतालों में रैफर किया जाये, जहां पर पीडियाट्रिक की सेवाएं उपलब्ध हैं। अभियान में निमोनिया के लक्षणों की पहचान के लिये आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाये, जिससे गांव-गांव में निमोनिया के प्रति जन-जागरूकता लाई जा सके।
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बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.केसी परमार ने बताया कि पांच वर्ष तक के बच्चों में सबसे अधिक मृत्यु का कारण निमोनिया संक्रमण है। देश में बाल्यकाल में 16.2 प्रतिशत मृत्यु निमोनिया के कारण होती है। अभियान का लक्ष्य मध्य प्रदेश में निमोनिया से होने वाली मृत्यु को तीन प्रति हजार जीवित जन्म से कम पर लेकर आना है।
उन्होंने बताया कि निमोनिया के प्रारंभिक लक्षणों की समय पर पहचान, प्रारंभिक उपचार एवं उचित स्वास्थ्य संस्था में रेफर तथा साथ ही निमोनिया के संबंध में जन जागरूकता लाई जाकर निमोनिया से होने वाली मृत्यु को रोका जा सकता है। निमोनिया के प्रकरण मुख्यतः सर्दी, वर्षाकाल, अधिक प्रदूषण, धुए ताल क्षेत्र, स्लम एरिया मे अधिक होने की संभावना रहती है। ऐसे बच्चों को निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है जिनका टीकाकरण पूर्ण नही हुआ हो तथा कुपोषित हो। शीघ्र स्तनपान, पूरक आहार विटामिन-ए टीकाकरण साफ-सफाई, साबुन एवं पानी से हाथ धोना, घरेलू वायु प्रदूषण को कम करना, जैसे सरल हस्तक्षेपो से निमोनिया के प्रकरणों में कमी लायी जा सकती है। बैठक के बाद एनीमिया कंट्रोल प्रोग्राम के लिये गठित टास्क फोर्स समिति का आयोजन किया गया एवं एनीमिया से बचाव के बारे में दिशा-निर्देश दिये गये।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ.पीएन वर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मंजुशा पिप्पल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एसके सिंह, महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री एसए सिद्धिकी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.यूपीएस मालवीय, डॉ.दिलीप वास्के मौजूद थे।
मीडिया प्रवक्ता टीम से
पंकज शर्मा
पत्रकार