बिगड़ी का नाम गाड़ी पे गाड़ी : साहब के लिए सटीक संदेश : news bulletin
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उज्जैन (पंकज शर्मा पत्रकार)
भारत देश गजब का देश हैं, यहां पर कुछ भी हो सकता है और आपको जादू साफ आखों से दिखाई भी देगा।
पंकज शर्मा
पत्रकार & चीफ इन एडियाट
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आज की खबर में हमारे पत्रकार महोदय की नजर आगर रोड़ पर चलती हुवी एक गाड़ी पर पड़ी गाड़ी को देख फोटू खींचा और संपादक महोदय की ओर अग्रसर कर दिया। हम अपने पाठको को इस समाचार के माध्यम से सटीक प्रामाणिक बात बताने का प्रयास कर रहे हैं, आपको समझ में आए तो और की और भेजने का प्रत्यन करें...
गाड़ी के ऊपर गाडी का ये फोटू अपने आप में कई उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं, एक जीव जब बीमार हो जाता है तो उसे दूसरे की आवस्कता पड़ती हे, जब वहा बीमार होया किसी मुसीबत में पड़ा होतो अपनो की परीक्षा और पहचान हो जाती हैं ।
हमारे अधिकारी और प्रिय साहब को इस लेख के माध्यम से अवगत करवाने का प्रयास करने का प्रत्यन कर रहे हे की समझ जावों, हम आपको अपना मानते नही अपितु दिल से इजत भी करते हैं और करते रहेंगे।
अपना कालू सिंह और दूसरे का कालिया वाली बात , हमारे साथ फिट नहीं हो पाएगी, जब आपका कालू सिंह तो हमारा भी कालू सिंह रहेगा , दूसरो का कालिया होगा हमे फर्क नहीं पड़ता हैं।
बिगड़ी को बनाने का कार्य बाबा करता है, उनके आदेश से सब होता है, कोई किसी को कुछ नही देता, सब अपने अपने नसीब का खाते और पाते हैं, प्रमात्मा ने सभी को पेट दिया हैं, किसी भी जीव को बिना पेट के जन्म नही दिया हैं, सब पेट के लिए कार्यरत हैं, बाबा के आदेश के बीच में मत आवो, आप सब का साथ देते हो और हर किसी का सहयोग करते हो तो किसी एक से दूरी बना कर गलत मत करो।
हमने लिखना और समझना चालू कर दिया तो जवाब देना नही आयेगे, आपको भी पता हैं और आप जानते हो की कोन कितने पानी में है, हमे बताने की जरूरत नहीं पड़ना चाहिए।
दूसरो की थाली में घी देखने से अच्छा है अपनी थाली का खयाल रखो साहब, नही तो ऐसा भी वक्त आएगा कोई वही पर रहेगा पर आप कहा होगे आपको भी पता ना चलेगा, जो अधिकारी रात के अधेरे में आए थे वह दिन के उजाले में गणेश उत्सव के पहले ही विधा हो गए,अब आना मुस्किल होगा, आ गए तो सबसे बड़ा उग्र विरोधी करण हमारी और से होगा, जो लाने वालों को उनकी गलती का अहसास करवाएगा ।
इस समाचार के माध्यम से हम सिर्फ आपको अवगत करवा रहे हे, हमे पता ही की आप समझ गए होगे, हमारा साथ ना दो हमे फर्क नही पड़ेगा पर हमसे दूरी बनाओगे गै तो परेशानी बहुत होगी, मजबूरन हमे विरोधी करण की भाषा का प्रयोग करना पड़ेगा जो हम आपके लिए कारण नहीं चाहते है, आप चांदी काट रहे हो कटते रहो हमे फर्क नहीं पड़ता आप सुवथ रहो, मस्त रहो, बाबा आपकी इच्छा पूरी करे, पर गाड़ी जब भिगड़े तो दूसरी गाड़ी समाल ले और सहयोग प्रदान करे, आज ये गाड़ी का फोटू हमारे पास ना आता दो हम आपके सामने अपनी बात ना रख पाते। आपकी इज्जत करते है दिल से, सम्मान के बदले सम्मान चाहते हैं, गलती से हम लिखने और सबूत पर आ गए तो हमे वास्तव में बहुत बुरा लगेगा । हम नही चाहते की आपके बारे में खोज खबर प्राप्त करे और शिकायत करवाए । आखिर आपकी इज्जत दिल से करते है हम आप इस बात को समझो
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