मुखबिर खबरी लाल बने उज्जैन के भावी पत्रकार , जिले के बड़े सक्षम अधिकारी को गलत जानकारी दे कर कर रहे गुमराह, सत्य सामने आएगा तो रह जावेगे हक्का बक्का
उज्जैन ( पंकज शर्मा पत्रकार)
उज्जैन के मुखबिर खबरी लाल बने भावी फर्जी पत्रकार, हमारे पाठको को अवगत करवाया जा रहा है की मुखबिर से रहे सावधान जो शहर में पत्रकार का फर्जी लेबर लगा कर इधर उधर वसूली के गोरख धंधे में लगे हुवे है।
जिले के बड़े अधिकारी बाबूवो के तलवे चाट कर और चाटुकारिकत करते हुवे किसी प्रेस क्लब का कार्ड गले में डाले हुवे ये महाशय जिले के बड़े अधिकारी के ऑफिस या महाकाल मंदिर के आस पास घूमते फिरते मिल जायेगे और शाम होते ही नाना खेड़ा के मय खाने में जमा मिलेंगे, शराब खोरी करते हुवे आसानी से देखे जा सकता है, मयखाने का नाम लिखना हम उचित नही समझते हैं।
ये फर्जी मंदिरो पर उनकी जमीनों पर कब्जा जमाए कई सालो से बैठे हैं और शहर के कई चौराहों पर रोड़ किनारे अवेध मंदिर बना कर कई वर्षो से जमे हुवे हैं, अपने परिवारों वालो को भी भावी मीडिया से फर्जी तरीके से जोड़ कर शहर के भोली भाली जनता को डरा धमका कर अवेध वसूली अधिकारी के नाम से कर रहे हैं ।
जिले के बड़े सक्षम अधिकारी के मुंह लगे होने के कारण और
चाटूकारिकता मे माहिर तलवेचाटू
होने के कारण बड़े अधिकारी के कान में मंदर फूकने के काम में माहिर मुखबिर अधिकारियो को गलत जानकारी दे कर भ्रमित कर अपना उल्लू सीधा कर जाते हैं ओर अधिकारी को फनक तक नही पड़ती ।
अपने साथी का कहा दुरुपयोग किया जाता है साथ रहने वाले को भी नही पता की किस कारण उसके माध्यम से अपने स्वार्थ सिद्ध किए जा रहे हैं, उक्त साथी को जबकि इस मामले से कोई लेना देना ही नही ये सिर्फ पियाते मात्र हैं जो आने वाले समय में सिर्फ दाम देगे और अगले के टारगेट मे आ जायेगा ।
शहर के कई गलियों में चोराहो में इनके शूटर घूमते फिरते हैं जो सिर्फ मुखबरी का काम करते हैं और गलत काम करने वालों को जिले के अधिकारी डर बता कर लुटते रहते हैं। हफ्ता वसूली से लेकर कब्जे तक के काम में ये बराबरी के हक दार होते हैं ।
अधिकारियों के तलवे चाटकर इतने पावर में होते ही की शहर में अपना रोब जमाए फिरते हैं , छूटे मोटे अधिकारी कर्मचारी को साहब का डर बताकर दारू पार्टी लेकर उनके साथ गलत काम करने वालो को बड़ावा देते फिरते है, नोट : सईया बने कोडवार तो डर काहिका