ये दो फोटो है आशीष विद्यार्थी के अपने जीवन की-----
एक नई पत्नी की फोटो तो आप सब देख ही रहे हैं, 
लेकिन मैं आप सभी को दुसरा पहलू दिखाना चाहता हूं.......

 


दुसरे फ्रेम में उनकी पहली पत्नी (जो अभी जिंदा है)  है,जो पूरी तरह टूट गई है लेकिन उसके पास कोई चारा नहीं है सिवाय इस उम्र में ये बर्दाश्त करने के...
जिस उम्र में पति पत्नी को एक दुसरे के इमोशनल सपोर्ट की सबसे ज्यादा जरुरत होती है उस समय किसी भी एक पक्ष का यूं छोड़ के चले जाना बहुत ही दुखदाई है।
जाने कैसे होते होंगे वे लोग जो इतने सालों तक साथ रहते हैं,अच्छे बुरे हर तरह के दिन व्यतीत करते हैं अनगिनत यादें होती हैं और एक दिन दूसरे को अकेला छोड़ कर निकल लेते हैं,
मैं किसी व्यक्ति को जज नहीं कर रहा हूं,
लेकिन मैं ये मानता हूँ कि रिश्तों को हर सम्भव कोशिश करके बचाया जाना चाहिए। 
वैसे भी पति पत्नी का रिश्ता तो सात जन्मों का बताया जाता है तो कम से कम इस जन्म तो पूरा चलने दें। ये मेरी व्यक्तिगत सोच है, लोगों को सहमति,असहमति व्यक्त करने का पूरा अधिकार है।

न्यूज़ सोर्स : news bulletin tim