महाकाल दर्शन व्यवस्था : प्रशासक को व्यवस्था पर विधायक से मिला धन्यवाद
महाकाल मंदिर को सिर्फ वीवीआइपी और पैसे वालों का अड्डा बना दिया गया है। इन्हें हर चीज में पैसा चाहिए, दर्शन तो सुलभ कराओ... जनता की पुकार
उज्जैन लोकेशन
महाकाल मंदिर
पंकज शर्मा पत्रकार
ये उन श्रद्धालुओं के शब्द हैं जोकि सोमवार को महाकाल और भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए उज्जैन आए थे।
महाकाल मंदिर को सिर्फ वीवीआइपी और पैसे वालों का अड्डा बना दिया गया है। इन्हें हर चीज में पैसा चाहिए, दर्शन तो सुलभ कराओ...। ये उन श्रद्धालुओं के शब्द हैं जोकि सोमवार को महाकाल और भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए उज्जैन आए थे। यहां आम भक्तों को रस्से से रोका गया, जिससे कई बुजुर्ग, बच्चे महिलाएं घायल हुईं। दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों और उनके परिवार वालों को बैरिकेडिंग हटाकर अंदर भेजकर दर्शन कराए गए।
सावन की सातवीं सवारी, नागपंचमी पर्व और महाकाल दर्शन की व्यवस्था में प्रशासन पूरी तरह असफल नजर आया। कलेक्टर-एसपी के सुलभ दर्शन के दावे पर अव्यवस्थाएं भारी रहीं। पुलिसकर्मीे मनमानी पर उतारू नजर आए। मंदिर के चारों तरफ बैरिकेड्स बांध रखे थे। सुलभ दर्शन व्यवस्था का राग अलापने वाले प्रशासन को लोग कोसते रहे।
भीड़ में दबते बच्चे और महिलाओं का बुरा हाल हो रहा था। वहीं बुजुर्गों को भीड़ के कारण बेहोशी और घबराहट हो रही थी। 4-5 घंटे से लाइन में लगने के बाद जैसे ही ऊपर दर्शन करने पहुंचे, वहां खड़े पुलिसवाले सभी को तेज धक्के दे-देकर निकाल रहे थे। कई लोग यह कहते नजर आए कि अब दोबारा दर्शन करने कभी नहीं आएंगे। मंदिर तो केवल वीवीआइपी और पैसे वालों का रह गया है।
मंदिर प्रशासन का दावा है कि महाकाल मंदिर में 5 लाख और नागचंद्रेश्वर मंदिर में 3.5 लाख लोगों ने दर्शन किए। रात 12 बजे परंपरा अनुसार नागचंद्रेश्वर के पट बंद हुए। नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिए आई भीड़ देख व्यवस्था में लगे अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। श्रद्धालु मंदिर के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गए और महिलाएं व बच्चे भीड़ में दबते-कुचलते रहे।
पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर हर जगह मनमानी की। विश्राम धाम तरफ वाली सीढिय़ों पर श्रद्धालुओं को आधे घंटे तक रोके रखा, जबकि पुलिस वाले उल्टी दिशा में भीड़ में घुसते निकलते रहे।
नागचंद्रेश्वर दर्शन को लेकर उमड़ी भीड़ को सुगमता से दर्शन नहीं हो पाए। लाइन में लगे महिला -पुरुष और युवतियों के साथ धक्का मुक्की हुई। जिन पुलिस कर्मियों की महाकाल मंदिर के आसपास ड्यूटी लगी थी उन्होंने अपने और पुलिस अधिकारियों के परिवारों को अंदर भेज लोगों को रोके रखा। कई बार लोगों ने विरोध किया तो उनके साथ धक्का मुक्की की गई। इस बीच बाहर से आए पुलिस अधिकारियों और उनके परिवार वालों को भी बैरिकेडिंग हटा अंदर भेज दिया।