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मंदिर की अव्यवस्था और मौखिक आदेश से फिर चर्चा में आया बाबा का दरबार : एक बार फिर दुर्व्यवहार का साफ उद्धार देखने को मिला, पार्किंग को लेकर हुआ विवाद पर असली जड़ तो नियम कयाते में अपनो को छूट का साफ कारण...

 

 

पंकज शर्मा पत्रकार

चीफ एडिटर

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चर्चित धपड कांड महाकाल लोक महाकाल मंदिर...

 

 

लखनऊ से आई दर्शन यात्री ने kss सुपर वाइजर को चाटा मारा और सुरक्षा का जीमा क्रिस्टल कंपनी पर, kss कंपनी सुपरवाइजर और कंप्यूटर पर काम करने वाली महिला को क्यू मारा ?

 

 

थाने में शिकायत करने kss कर्मी आए क्रिस्टल कर्मी कहा गए ।

 

 

बाहर से आए दर्शन यात्री जब कभी विवाद करते हे तो उन पर अधिकारी की मिली भक्त केस दर्ज करवा दिया जाता है । और मामले को छूमंतर कर दिया जाता है, सब अपनी अपनी नौकरी बचाते फिरते हैं...

 

प्राप्त सूत्रों के हवाले से सटीक जानकारी मिली है की थाने पर एक भी शिकायत कर्ता नही पहुंचा शिकायत दर्ज करवाने जो पहुंचा वहा kss कंपनी के थे क्रिस्टल कंपनी के एक भी अधिकारी नही थे मोजूद

 

 

 

मंदिर के महान अधिकारी ने यहा तक कह दिया की आपके कर्मचारी ने महिला को नही मारा बस यही गनीमत रही...

अरे साहब हमारे जिमेदार किस की और पिसा कोन रहा है, भेद भाव करोगे तो अव्यवथा तो होगी ही छोटे मोटे मामले तो होते रहते हे अपने को क्या ?

 

 

बाहरी दर्शन यात्री उग्र हुआ इसका कारण क्या था ? 

सिर्फ गाड़ी की पार्किग...

 

पार्किंग में अन्य गाड़ी खड़ी थी सो उसने भी अपनी गाड़ी खड़ी करना चाहा तो दर्शन यात्री की गाड़ी किस नियम के तहत पार्किंग में खड़ी नही होगी ।

 

 

मतलब साफ है खोखले नियम और उल्लू झुल्लू आदेश की वजह से मंदिर की दबनामी हुई इसकी भरपाई कोन करेगा ?

 

 

कई दिनों से मीडिया के माध्यम से खबर पर खबर चलाई जा रही हे की प्रभारी अधिकारी, अधिकारी, कर्मचारी और सुरक्षा कर्मी से मंदिर में गाड़ी खड़ी करने में भेदभाव किया जा रहा है, बड़े प्रभारी अधिकारी, अधिकारी प्रतिबंध क्षेत्र में अपने अपने वाहन खड़े कर रूतबे के साथ आते जाते बंद आखों से दिखाई देगे, खुली आखों की तो बात ही क्या ? 

 

 

छोटे कर्मी चारी भी मंदिर के सेवक है इनकी भी गाड़ी है, अधिकारी की गाड़ी गाड़ी इनकी गाड़ी बेल गाड़ी 

 

 

 

हम घूम कर फिर वही महिला के सुपर वाइजर थपड़ वाले कांड की और आते हैं और साफ करते हैं की कल जो कुछ महाकाल महालोक कंट्रोल में हुआ वहा सिर्फ अव्यवस्था का ही खमियाजा है और कुछ नही

 

 

✍🏻 दर्शन यात्री ने बड़े अधिकारी रुतबेदार के निजी अन्य वाहन देखे तो अपना वाहन व्यवस्थित पार्किंग में खड़ा करने की सोची...

इस में गलत ही क्या हैं ? 

भारतीय संविधान ने हर मानव को कुछ मौलिक अधिकार दिए हैं, नियम कायते सब के लिए एक जैसे होते हैं, अलक अलक नही होते...

 

 

✍🏻 मंदिर में रोकने टोकने सुरक्षा की जवाबदारी किस कंपनी की ?

विवाद के बीच में कौनसी कंपनी आई इनके प्रभारी अधिकारी ने संज्ञान लिया ही नहीं, ऊपर से कार्यवाही का लेटर दे कर इति श्री करली...

 

तह तक जायेगे तो कितने ही कच्चे चिट्ठे निकल कर आयेगे, घुमा फिर कर नतीजा साफ निकल आएगा की मंदिर के जिमेदार की अव्यव्था ने एक बार फिर भगवान महाकाल के महाकाल लोक को मिडिया के माध्यम से देश दुनिया में बाद नाम कर दिया की लखानव की जानवी पांडे ने महाकाल साफ सफाई सुपर वाइजर को जम कर धपड़ कर दिया, हमारे कुछ चाटू पत्रकार को तो ये तक नही मालूम की सुपरवाइजर kss का कर्मी है क्रिस्टल कंपनी का नही ,जिन निजी महिला कर्मी से विवाद हुआ वहा सब kss निजी कंपनी के कर्मी है, उनका काम मंदिर में साफ सफाई और कंप्यूटर से संबंधित काम काज है, सुरक्षा व्यवस्था से दूर दूर तक कोई लेना देना नही है, मानवता की बात करे तो दोगले नियम खुखले मौखिक आदेश ऐसे एन वक्त पर रफू चक्कर हो जाते हे जैसे गंजे के सिर पर से बाल और टक्ले पर तेल साफ दिखाई देता है वहा भी दूर से...

 

 

प्रभारी अधिकारी मंदिर के जवाबदार को तय करना चाहिए और कोई भी अप्रिय घटना पर तत्काल उचित कार्यवाही करवाना चाहिए, थाने कचरी के चक्कर तो नोकरी में आम बात है...

 

 

 

शिकायत सुझाव के लिए

9522225666

9300886399

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