सत्य सत्य होता है , एक समय बात निकल कर आ ही जाते है
इतिहास का वहा सत्य जो हमे अभी तक नही पढ़ाया गया
ये दुर्गा भाभी हैं, इनका असली नाम दुर्गावती देवी था। ये वही दुर्गा भाभी हैं, जिन्होंने साण्डर्स वध के बाद क्रांतिकारी राजगुरू और भगतसिंह जी को लाहौर से अंग्रेजों की नाक के नीचे से निकालकर कोलकत्ता ले गयीं।
इनके पति महान क्रन्तिकारी भगवती चरण थे, ये भी कहा जाता है कि चंद्रशेखर आजाद के पास आखिरी वक्त में जो माउजर था, वो भी दुर्गा भाभी ने ही उनको दिया था।
14 अक्टूबर 1999 में वो इस दुनिया से गुमनाम ही विदा हो गयी कुछ एक दो अखबारों ने उनके बारे में छापा बस।
ऐसी वीरांगना को हम शत शत नमन करते हैं।