महाकाल मंदिर अन्नक्षेत्र : news bulletin 24X7
*श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन पश्चात आने वाले श्रद्धालुओं के लिये निशुल्क भोजन व्यवस्था की निरंतर जारी*
उज्जैन / लोकेशन महाकाल मंदिर
पंकज शर्मा पत्रकार
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 2004 से निशुल्क अन्नक्षेत्र का संचालन किया जाता है | मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन हेतु आने वाले भक्तों को निशुल्क भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई है |
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री मृणाल मीना ने बताया कि, अन्नक्षेत्र में श्रावण माह के प्रथम दिन 22 जुलाई सोमवार को फलाहार वितरण किया गया। जिसमें लगभग 5 कुंटल साबूदाने की खिचड़ी , आमटी, चिप्स, आदि बनाये गए। 22 जुलाई को लगभग 5 हज़ार से अधिक श्रद्धालुओं ने फलहार का प्रसाद ग्रहण किया ।
22 जुलाई से 26 जुलाई तक लगभग 30 हज़ार भक्तों ने निशुल्क अन्नक्षेत्र में भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
निशुल्क अन्नक्षेत्र निशुल्क भोजन प्रसाद की व्यवस्था रहती है | श्रावण माह में हज़ारों की सांख्य में श्रद्धालु भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर श्री महाकालेश्वर निशुल्क अन्नक्षेत्र में भोजन प्रसादी ग्रहण करते है। इस हेतु मंदिर के निर्गम द्वार वाले प्रांगण में अन्नक्षेत्र के भोजन हेतु कूपन वितरण का काउंटर स्थापित है । जहाँ से कूपन प्राप्त कर श्रद्धालु त्रिवेणी संग्रहालय के समीप स्थित अन्नक्षेत्र में भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकते है।
श्रद्धालुओं को जानकारी देनें हेतु श्री महाकालेश्वर मंदिर के कंट्रोल रूम से सतत सूचना प्रसारित की जा रही है |
श्री महाकालेश्वर मंदिर की सभी व्यवस्थायें दान के माध्यम से ही संचालित होती हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में दानदाता अपने आप्तजनों के जन्मदिवस, पुण्यतिथि, विवाह वर्षगॉठ आदि अवसरों पर एक समय के भोजन प्रसाद हेतु रू. 25 हजार की राशि देकर भोजन करवा सकते है, तथा एक पूरे दिन के भोजन प्रसादी हेतु 51 हजार की राशि मंदिर कोष में जमा कर भोजन प्रसादी की व्यवस्था करवा सकते है। इसके अतिरिक्त मंदिर द्वारा संचालित गौशाला, चिकित्सा, व श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान आदि में भी अपनी श्रद्धानुसार दान भी करते हैं।
समय –समय पर मंदिर के अधिकारी/ पुजारी/पुरोहितों/मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों व कर्मचारियों के माध्यम से भी भक्तों को मंदिर में दान करने हेतु प्रेरित किया जाता है ।