नार्मल पत्रकार
एक बार एक साधारण व्यक्ति ने खुश होकर एक पत्रकार महोदय को नई साइकिल भेंट कर दी , पर उसमें कैरियर नहीं था।
पत्रकार महोदय बहुत खुश हुए और कैरियर लगवाने एक दुकान पर चले गए ।
पत्रकार महोदय ने दुकानदार से बड़े तेवर में कहा कि " मैं एक बड़ा पत्रकार हूँ इसलिए मुनासिब दाम में एक बढ़िया सा कैरियर इस साइकिल में झटपट लगा दो "।
दुकानदार ने कैरियर तो लगा दिया, लेकिन फ़िर पता नहीं उसके दिमाग में क्या सूझा कि उसने साइकिल से स्टैंड खोलकर हटा दिया।
पत्रकार ने बड़े अचरज़ में इसका कारण पूछा, तो दुकानदार बोला— " श्रीमान एक पत्रकार का कैरियर और स्टैंड दोनों एक साथ नहीं हो सकते। अगर स्टैंड लोगे , तो समझो कैरियर गया और अगर कैरियर बनाओगे तो फ़िर क़भी स्टैंड नहीं ले सकते "।
मुझे लगता है यह बात केवल पत्रकार नहीं उस हर व्यक्ति पर लागू होती है जो स्टैंड लेता है उसका कैरियर खतरे में आ ही जाता है और कैरियर के अभिलाषी कभी स्टैंड नहीं ले सकते।