शर्मसार हुवी उज्जैन की पत्रकारिता
जनादेश की आवाज
मीडिया प्रवक्ता समूह समाचार
उज्जैन । पंकज शर्मा
*पत्रकार की पत्रकारिता* समाज को आईना दिखा कर सही रास्ता दिखती है, पर उज्जैन शहर की पत्रकारिता की बात तो अलक है और होगी ...
उदाहरण आज हम बतायेंगे
*ब्रेगिंक न्यूज ऑफ पत्रकार*
*उज्जैन पुलिस* का कार्य करने लगे उज्जैन के भावी पत्रकार , टीम बना कर पुलिस की तरह पहुंचे माधव नगर पुलिस थाना एरिया में, 30 हजार ओर 3 मोबाईल के साथ महिला के गले से मंगलसूत्र उतार लें गये...
फिर तीन बत्ती पर छीन कर लिए 3 नो मोबाइल, अभी मंगलसूत्र ओर 30 हजार रुपये लेना बाकी है ।
आज आपको उज्जैन के फ्रीगंज के पत्रकारों के काले रोजक कारनामे से अवगत कराया जायेगा । जिन्होंने अपनी एकता का परिचय दे कर बेमिसाल कारनामो में महारत हासिल की ओर पत्रकारिता के दानम ने दाग नही लगाया बल्कि पूरी की पूरी *पत्रकारिता जगत को ही कालिख* से पोत दिया । ये मामला बड़े रोपदार पत्रकरो के नॉलेज में है
3पत्रकार और एक महिला पत्रकार (जिनके अभी नाम नही बायेंगे )ने पुलिस की स्टाइ में आवेधानिक काम करने वाले के घर मे जा कर ना वीडियो बनाई बल्कि उसके मालिक को बुलाकर 5 लाख की डिमांड कि । पहली किश्त 50 हजार की...
पुलिस की तरह इंट्री की ओर घर के अंदर खुस कर माहौल बनाया दौड़ लगा कर महिलाओं को पकड़ा एक महिला हाथ ना आई एक महिला की पकड़ कर घर का गेट लगाया फिर हुवा गोरख धंदा चालू....
5 लाख देना पड़ेंगे नही तो जेल पहुचा देगे
50 हजार की पहली किश्त
30 हजार रुपये लिए...
महिला के साथ आवेधानिक कर्म किया... नाम है हमारे पास
हिन्दू हो कर हिन्दू महिला के गले से मंगल सूत्र निकाल कर ले गये
एक स्मार्ट मोबाइल, एक नॉर्मल काला सेमसंग, ओर एक सफेद मोबाईल महिला और उसके साथी से छीन ले गये । *इतना जुल्म तो पुलिस भी नही करती है ...*
डरा धमका कर, मार कूट के वीडियो बनाये गये है, ओर वही वीडियो वायरल होंगे जो इनके पक्ष में होंगे तथा कार्यवाही की जाएगी पर वहा वीडियो दबाएंगे जो इनको आरोपी बनायेगे...
हमारे पास *सबूत है, गवाह है, ऑडियो वीडियो है* जो इन बड़े पत्रकरो को समाज पुलिस के सामने बे पर्दा करेगे...
कर्यवाही करने का कार्य पुलिस करती है पत्रकार कबसे करने लगे । बड़े अखबार के मालिक के रिश्तेदार भी बड़े पत्रकार बन ही जाते है....
अखबार के मालिक जो शहर में दम रखते है उन ही के परिवार वाले है ये पत्रकर...
पत्रकार के साथ रहते रहते पत्रकार बन गये, बिना पढ़े लिखे , उज्जैन शहर में कर रहे पत्रकारिता, जिनको इंग्लिश में मेसेज नही पढ़ना आता वहीं आज समाज को आईना दिखा रहे है सिर्फ कॉपी पेस्ट से हो रही भावी पत्रकारिता
हमे डराने का कोई कर्म मत करना हम जरा सा अलक है समय आने पर खुद पता चलेगा
मीडिया प्रवक्ता समूह से
पत्रकार पंकज शर्मा