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न्यूज बुलेटिन 24x7 लाइव ( पंकज शर्मा )

 उज्जेन ।दुनिया का एकमात्र अनोखा और चमत्कारी शिवलिंग जो चारों दिशाओं में घूमता है। आपने आज तक एक से बढकर अनोखे शिवलिंग देखे होंगे, लेकिन क्या कभी ऐसा शिवलिंग देखा है जो चारों दिशाओं में घूमता हो। इस दुनिया में एकमात्र ऐसा चमत्कारी शिवलिंग भी है जो चारों दिशाओं में घूमता है। ज्यादातर शिवलिंगों की जलहरी का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की तरफ होता है।

लेकिन मध्यप्रदेश के श्योपुर में गोविंदेश्वर महादेव शिवालय में दुनिया का सबसे अनोखो और चमत्कारी शिवलिंग स्थापित है जो चारों दिशाओं में घूमता है। इस शिवलिंग को भक्त अपनी सुविधानुसार किसी भी दिशा में घुमाकर पूजा कर सकते हैं।.
किसी भी दिशा में घुमाकर करें पूजा यह अनोखा और चमत्कारी शिवलिंग श्योपुर के छार बाग मोहल्ले में अष्टफलक की छतरी में स्थित है।

 इसका निर्माण इस तरह से किया गया है कि यह अपनी धुरी पर चारों दिशाअों में घूमता है। पूजा करने वाले भक्त अपनी इच्छानुसार इसे किसी भी दिशा देकर पूजा कर सकते हैं।इस राजा ने कराया था निर्माण चारों दिशाओं में घूमने वाले इस अनोखे शिवलिंग इतिहास भी बहुत पुराना है। इसका निर्माण श्योपुर के गौड़ वंश के राजा पुरूषोत्तम दास ने 294 वर्ष पूर्व यानी सन् 1722 में करवाया था। 

 इस मंदिर में लगे शिलालेख में इसके निर्माण समय बताया हुआ है। यह शिवालय गोविंदेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है। इससे पहले यह शिवलिंग महाराष्ट्र के सोलापुर में बाम्बेश्वर महादेव के रूप में स्थापित था। गौड़ राजा भगवान शिव के परम भक्त थे। इसी कारण से उन्होंने शिवनगरी के रूप में श्योपुर नगर को बसाया था।ऐसा चमत्कारी है शिवलिंग यह अनोखा शिवलिंग लाल पत्थर बना है। इसके दो भाग हैं जिनमें एक पिंड है और दूसरा दूसरा जलहरी। यह शिवलिंग एक धुरी पर स्थापित है जिसके कारण चारों दिशाओं में घूमता है। कहा जाता है कि साल में एक बार रात के समय इस शिवालय घंटिया अपने आप बजने लगती हैं। आरती के बाद शिवलिंग अपने आप घूमने लगता हैं। कहा जाता है कि इस शिवलिंग का मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर रहता है लेकिन अपने ही यह उत्तर या पूर्वमुखी हो जाता है। 
इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि इसकी पूजा करने से सारे कष्टों और  सर्पदोष, पितृदोष, गृहक्लेश आदि से तुरंत मिलता है।