झारखंड में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का कहर बढ़ गया है। बड़े पैमाने पर इससे सूअरों की मौत हो रही है। अबतक संक्रमण की वजह से करीब 600 सूअर मर चुके हैं। पशुपालन निदेशालय ने टोल फ्री नंबर जारी किया है।
राज्य में बड़े पैमाने पर हो रही सूअरों की मौत का कारण अफ्रीकन स्वाइन फीवर ही है। इसका खुलासा भोपाल स्थित आईसीएआर के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज के लैब ने किया है। लैब में 22 सैंपल की जांच हुई, जिसमें सभी में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है। इस फीवर की पुष्टि होने के बाद पशुपालन निदेशालय ने टोल फ्री नंबर 18003097711 जारी किया है। 
पशुपालन निदेशक ने कहा कि राज्य में कहीं भी सूअरों की असामान्य मृत्यु हो रही हो तो निदेशालय स्थित नियंत्रण कक्ष के टेलीमेडिसिन टोल फ्री नंबर 18003097711 पर सूचित करें। नियंत्रण कक्ष सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलता रहेगा। राज्य में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से करीब 600 सूअरों की मौत हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि कांके स्थित राज्य सरकार के सूअर फार्म के बाद यह संक्रमण बीएयू के सूअर फार्म में भी पहुंच चुका है। 
फार्म इंचार्ज रविंद्र कुमार के अनुसार यहां अबतक लगभग डेढ़ दर्जन सूअरों की मौत हो चुकी है, जबकि राज्य सरकार के फार्म में लगभग 500 सूअरों की मौत हो चुकी है। बता दें कि अगस्त के शुरूआत में सबसे पहले खलारी के कई गांवों में दर्जनों सूअरों की मौत हुई थी। लेकिन फिलहाल खलारी में यह बीमारी नियंत्रण में है। इसके साथ ही राज्य के कई जिलों सूअरों की मौत तो हुई है,