जयपुर। राजस्थान में विधानसभा में पढ़ी गई कविता को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने ठाकुर का कुआं से सरकार पर निशाना साधा था। जवाब में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी एक कविता पढ़ डाली। कविता के जरिए उन्होंने भी कांग्रेस को नफरत की दुकान चलाने वाला बता दिया। राठौड़ ने एक नया सियासी नैरेटिव भी सेट करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की सेना में राजपूत और जाट दोनों ही थे। राठौड़ का यह बयान उपचुनावों से पहले जाट समाज को साधने के तौर पर देखा जा रहा है।
राज्यवर्द्धन राठौड़ ने जो कविता पढ़ी उसके मायने इस प्रकार हैं
प्रश्न है सम्मान का। सम्मान है बलिदान का।।
बलिदान है जवान का। जवान है हिंदुस्तान का।।
किसी ने छोड़ी रियासत। किसी ने दी है शहादत।।
तब ही बना है मज़बूत भारत। कांग्रेस को है बांटने की आदत।।
इनके सपने में नहीं है एक भारत। बस मोहब्बत की नेम प्लेट लगाते हैं...
राठौड़ की इस कविता के सियासी मायने भी हैं। हरीश चौधरी ने जब पांच दिन पहले सदन में ठाकुर का कुआं कविता पढ़ी थी। उससे प्रदेश में जाट और राजपूत समाज के बीच की दूरियों पर चर्चा शुरु हो गई थी। उस दिन केवल संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने इसका विरोध किया था और इसे कार्यवाही से हटाने की मांग की थी। मंत्री राज्यवर्द्धन ने इस पर खुलकर बोलते हुए सरकार का पक्ष रखा। वहीं, यह बताने का प्रयास किया कि सरकार सामाजिक सौहार्द से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी।
राठौड़ ने मंगलवार को अनुदान मांगों पर जवाब देते हुए कहा कि इस सदन में समाज को बांटने की बातें हुई है लेकिन, कांग्रेस के साथियों ने भी अपने साथी को नहीं रोका। हम विपक्षी हो सकते हैं लेकिन हमारे पूर्वज एक हैं। सदन में समाज को बांटने वाली कविता पढ़ी गई। मैं यहां समाज को जोड़ने वाली कविता पढ़ना चाहता हूं। योद्धाओं को जोड़ने वाली कविता पढ़ना चाहता हूं। राठौड़ ने कविता के जरिए से कहा-कांग्रेस को बांटने की आदत हैं। मंत्री राठौड़ ने कहा जो कविता यहां पढ़ी गई थी। उसके अंदर केवल जहर था। अगर हम योद्धाओं को बांटने लगेंगे तो यह देश कहां जाएगा। योद्धा तो हर जाति में होते हैं। भारत तभी मजबूत बना, जब किसी ने अपनी रियासत छोड़ी तो किसी ने शहादत दी।