सीएम केजरीवाल ने इलेक्ट्रिक बसों को दिखाई हरी झंडी
दिल्ली | इस मौके पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि यह प्रदूषण को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसी 300 बसों को अप्रैल तक शुरू किया जाएगा। हमारा टारगेट 2000 बसों का है।
प्रदूषण के खिलाफ जंग में दिल्ली सरकार ने एक और कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली परिवहन निगम(डीटीसी) की पहली इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। फिलहाल इसका परिचालन ट्रायल के तौर पर किया जाएगा, इसके बाद फरवरी में दिल्ली परिवहन निगम(डीटीसी)बसों के बेड़े में 50 ई-बसों की पहली खेप दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने लगेंगी। दिल्ली में बस प्रोटोटाइप पहुंचने के बाद इंद्रप्रस्थ बस डिपो से पहली ई-बस की दिल्लीवासियों को सौगात दी।
'अप्रैल तक शुरू होंगी 300 बसें'
इस मौके पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि यह प्रदूषण को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसी 300 बसों को अप्रैल तक शुरू किया जाएगा। हमारा टारगेट 2000 बसों का है। यह बस न्यूनतम 120 किमी की दूरी तय करेगी। सीएम ने ये भी बताया कि चार्जिंग प्वाइंट का भी इंतजाम किया जा रहा है।
अनिल विज के बयान पर क्या बोले केजरीवाल
इसी दौरान मुख्यमंत्री से भी पत्रकारों ने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री के बयान को लेकर जवाब मांगा तो केजरीवाल ने कहा, आरोप-प्रत्यारोप से वायरस का खात्मा नहीं होगा। मैं इस गंद में नहीं उतरूंगा।
दरअसल अनिल विज ने हरियाणा के तीन जिलों के ऊंचे संक्रमण दर के लिए दिल्ली को दोषी ठहराया था। विज ने कहा था कि दिल्ली से सटे होने के कारण हरियाणा में कोरोना की स्थिति इतनी खराब है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
'रूट तय किए जा चुके हैं'
इस बस के परिचालन के लिए रूट तय कर लिया गया है। 27 किलोमीटर के दायरे में यात्रियों को आईपी डिपो से रवाना होने के बाद कनॉट प्लेस, आश्रम, इंडिया गेट से आगे प्रगति मैदान तक जाएगी। ई बस सेवा की शुरुआत के बाद परिचालन के सभी पहुलओं का अध्ययन करने के बाद संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।
दिल्ली सरकार की ओर से डीटीसी के बेड़े में 300 इलेक्ट्रिक बसें चरणों में शामिल की जाएंगी। अप्रैल, 2022 तक सभी ई बसें चरणों में सड़कों पर उतार दी जाएंगी। इससे दिल्ली वासियों को अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बस में सफर करने का मौका मिलने के साथ ही दिल्ली के पर्यावरण में भी सुधार होने लगेगी। ई बसों में शून्य उत्सर्जन होने की वजह से कार्बन उत्सर्जन के मामले में भी काफी बचत होगी।