पंजाबी और पूर्वांचलियों को लुभाने का प्रयास
नई दिल्ली । वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है। इस सीट पर पंजाबी और सिख वोटरों की तादाद ही लगभग 20 फीसदी है। इस सीट में एक ओर पंजाबी बाग, राजौरी गार्डन जैसी समृद्ध कॉलोनियां हैं तो अनधिकृत कॉलोनियां भी हैं। इनके अलावा नजफगढ़ एरिया के गांव भी हैं। परिसीमन के बाद अब तक इस सीट पर हुए तीन लोकसभा चुनावों में से एक बार कांग्रेस ने और दो बार बीजेपी ने बाजी मारी। यहां वोटरों की संख्या करीब 1,27,48,37 है। अभी इस सीट से बीजेपी के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा सांसद हैं लेकिन इस बार बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। 2008 से पहले राजौरी गार्डन, तिलक नगर, जनकपुरी, हरि नगर जैसे विधानसभा क्षेत्र साउथ दिल्ली की सीट में आते थे जबकि नजफगढ़, मादीपुर जैसे इलाके आउटर दिल्ली का हिस्सा थे। अब तक हुए तीन चुनावों में से एक बार कांग्रेस ओर दो बार बीजेपी ने जीत हासिल की है। 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से बीजेपी के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने जीत दर्ज की। उन्हें 8,65,648 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी महाबल मिश्रा दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 2,87,162 वोट मिले। आप के बलबीर जाखड़ को यहां 2,51,873 वोट मिले। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह को हराया। प्रवेश सिंह वर्मा को 65,1395 वोट मिले। जरनैल सिंह को 3,82,809 वोट मिले। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के महाबल मिश्रा रहे। इन्हें 1,93,266 वोट मिले। इस सीट के पहले चुनाव 2009 में हुए थे। 2009 के चुनाव में बीजेपी के जगदीश मुखी और कांग्रेस के महाबल मिश्रा में मुकाबला हुआ। महाबल मिश्रा को यहां से 4,79,899 वोट मिले और वह जीत बए। जगदीश मुखी को 3,02,981 वोट मिले थे। इस बार महाबल मिश्रा कांग्रेस और आप गठबंधन के उम्मीदवार हैं। बीजेपी ने इस बार कमलजीत सिंह सहरावत को उतारा है।