जयपुर । राजस्थान के जालोर के सांचौर में मंत्री सुखराम विश्नोई ने प्रेस कॉंफ्रेस कर गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाये और कहा कि राजस्थान में नर्मदा नहर परियोजना जालोक के सांचोर के सिंचित क्षेत्र में रबी सीजन के चलते 22 अक्टूबर से जारी हैं प्रदेश के कई हिस्सो में हर दिन 2000 क्यूसेक पानी के बदले 1200 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है। साल 2022-23 में  21 अक्टूबर से 29 नवम्बर तक इंडेंटेंड मांग के मुताबिक 72600 क्यूसेक पानी के बदले गुजरात सरकार की तरफ से 45119 क्यूसेक पानी उपलब्ध करवाया गया। जिसके बाद राजस्थान में सिंचित क्षेत्र के किसान हर जगह नहर पर धरना और हड़ताल कर रहे हैं. किसानों ने खेत में बुवाई कर रखी है लेकिन पानी के अभाव में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. गुजरात की तरफ से नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण को लिखे पत्र में भी माना गया है कि पिछले 13 साल में गुजरात के हिस्से में नहर का क्लोजर नहीं मिलने के चलते नहर की साफ सफाई नहीं हुई है जिसके कारण नहर में 4 से 5 फीट खरपतवारमलबा और गाद नर्मदा कैनाल में जम चुका है. इसके अलावा गुजरात राज्य में फ्री बोर्ड के पास कैनाल लाइनिंग के पंचर करके हजारों पाइप लगाये गए हैं जो नहर से पानी खींच रहे है. गुजरात सरकार अवैध पानी खींचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जिसके चलते राजस्थान के हिस्से का पानी भी ले लिया जाता है।