जयपुर । इंडिया स्टोनमार्ट 2022 के 11वें संस्करण का उत्साह और जोश के साथ समापन हुआ। समापन सत्र को संबोधित करते हुए राजस्थान की उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत ने कहा कि गत संस्करणों की तरह 11वां स्टोनमार्ट खरीदारों व विक्रेताओं, दोनों के लिए विचारों के आदान-प्रदान करने, प्रत्यक्ष व्यापारिक लिंक बनाने और स्टोन मार्केट के विकास में उपयोगी रहा है। उन्होंने घोषणा की कि इंडिया स्टोनमार्ट का 12वां संस्करण 2024 में 1 से 4 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। इंडिया स्टोनमार्ट के 11वें संस्करण का आयोजन राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (रीको), सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन्स (सीडॉस) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
मंत्री ने आगे कहा कि राजस्थान के स्टोन उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है। इसकी अपनी एक अलग पहचान है और देश-विदेश में राज्य के स्टोन्स की भारी मांग है। राम मंदिर के निर्माण के लिए भी राजस्थान के पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेष रूप से राजस्थान के सैंडस्टोन व ग्रेनाइट की मांग दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। रीको व सीडॉस के चेयरमैन कुलदीप रांका ने कहा कि राजस्थान में अग्रणी नीतियों के कारण राज्य में औद्योगिक निवेश में 535 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि दर है। देश में औद्योगिक निवेश का 75 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों का है। भले ही गुजरात और महाराष्ट्र को समुद्र तट का लाभ मिलता है, राजस्थान अभी भी भारी औद्योगिक निवेश को आकर्षित करता है और अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल बन गया है। रांका ने आगे कहा कि मशीनरी का भारतीयकरण होने से लागत कम होने व उद्योग का विस्तार करने में मदद मिली है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे इतिहास को संरक्षित करने और हमारी संस्कृति को जीवंत रखने में स्टोन्स की बहुत बड़ी भूमिका है। रीको के प्रबंध निदेशक शिवप्रसाद नकाते ने कहा कि मार्ट से 1200 करोड़ रुपए का व्यवसाय व व्यापार हुआ है। पिछले चार दिनों में मार्ट में 30,000 विजिटर्स आए और 19 देशों के 116 खरीदारों के साथ 1400 बी2बी मीटिंग्स आयोजित की गईं। कुल 13832 वर्गमीटर क्षेत्र में आयोजित प्रदर्शनी में एग्जीबिटर्स और ट्रेड विजिटर्स उत्साह के साथ शामिल हुए। जिसमें 348 एग्जीबिटर्स, ईरान, पुर्तगाल और तुर्की के तीन कंट्री पैवेलियंस के साथ ही गुजरात व ओडिशा के दो स्टेट पैवेलियन थे। स्टोनमार्ट में मशीनरी और टूल्स और अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स और टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स की भी अच्छी भागीदारी देखी गई।