भारत, 2 दिसंबर 2022: हस्तनिर्मित रग्स के सबसे बड़े उत्पादक, जयपुर रग्स को OEKO-TEX®️ द्वारा स्टैंडर्ड 100 सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया गया है। OEKO-TEX सुरक्षा और स्थिरता के प्रयासों के प्रबंधन, उत्पाद प्रबंधन और उपभोक्ता संरक्षण में 1992 से कार्यरत है।स्टैंडर्ड 100 सर्टिफिकेशन के लिए, जयपुर रग्स उत्पाद के हर घटक को हानिकारक पदार्थों के निमित्त कठोरता से जांचा गया है और इसे मानव सेहत के लिए पूरी तरह से सुरक्षित पाया गया। यह जांच OEKO-TEX®️ द्वारा विनियमित और गैर-विनियमित पदार्थों की एक विस्तृत सूची के निमित्त की जाती है, जिसे नई वैज्ञानिक जानकारियों और वैधानिक शर्तों के अनुसार साल में कम से कम एक बार अपडेट किया जाता है। संक्षेप में, स्टैंडर्ड 100 लेबल इंगित करता है कि जयपुर रग्स का प्रत्येक उत्पाद विश्व स्तरीय सुरक्षा मानकों का पालन करता है।

OKEO TEX द्वारा सर्टिफिकेशन एक ऐसी उपलब्धि है जो दर्शाती है कि जयपुर रग्स ने कच्चे माल की सतत खरीद, पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन तकनीकों, संसाधनों और सामग्रियों के कुशल उपयोग और जिम्मेदार रासायनिक प्रबंधन, और प्रभावी उपभोक्ता संरक्षण और उत्पाद प्रबंधन के तरीकों को अपनाया है।

जयपुर रग्स के निदेशक श्री योगेश चौधरी ने कहा, “यह सर्टिफिकेशन श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ और गुणवत्ता वाले उत्पाद पेश करने के प्रति जयपुर रग्स की प्रतिबद्धता की एक और पुष्टि है।”

वह आगे कहते हैं, “हमें हमेशा से अपने उत्पादों में भरोसा था और स्टैंडर्ड 100 सर्टिफिकेशन हमारी विचारधारा की एक और पुष्टि है कि जयपुर रग्स दुनिया को बेहतर जगह बनाने के प्रति समर्पित है।”

पूर्व में, जयपुर रग्स को ISO 14001-2004 पर्यावरण प्रबंधन सिस्टम, ISO 9001:2008 गुणवत्ता उत्पादन मानक, बाल श्रम मुक्त, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार एक्सपोर्ट हाउस आदि जैसे वैश्विक मानकों को बनाए रखने के लिए कई अन्य सर्टिफिकेशंस से सम्मानित किया गया है।

 जयपुर रग्स के बारे में

जयपुर रग्स एक पारिवारिक व्यवसाय है, जो पैतृक जानकारी की रक्षा करने और ग्रामीण शिल्प कौशल को वैश्विक उपभोक्ताओं से जोड़ने के उद्देश्य से मजबूती के साथ आगे बढ़ा है। अपने मूल में मानवीय पहलू  को स्थान देकर, कंपनी भारत में कारीगरों का सबसे बड़ा नेटवर्क बन गई है। यह 40,000 ग्रामीण कारीगरों के घरों में समृद्धि लाने के लिए, जिनमें से 85 प्रतिशत महिलाएं हैं, हस्तनिर्मित कालीनों के सदियों पुराने कला रूप का उपयोग करता है। इसकी स्थापना नंद किशोर चैधरी ने 1978 में सिर्फ दो करघों के साथ की थी, अब इसके पास 7000 से अधिक करघे हैं और 80 से अधिक देशों में इसकी बिक्री होती है। आज कंपनी इस पैतृक शिल्प पर नई सोच के साथ काम करने में सक्षम रचनात्मक प्रतिभाओं के साथ साझेदारी करके कन्टेम्पररी वर्क आर्ट का निर्माण करती है।