बिहार : इन दिनों एक के बाद एक भूकंप के झटके आ रहे हैं। कई बार भूकंप के कारण जान-माल का काफी नुकसान भी होता है। झटके महसूस करते ही लोगों में भूकंप आने के बाद लोगों में अफरा-तफरी मच जाती है। अपनी जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागने लगते हैं। भूकंप से होने वाले नुकसान से बचने के लिए कई तरह की पहल सरकारें करती हैं। इसी क्रम में बिहार सरकार ने भी एक पहल शुरू की है।

दरअसल, बिहार में नीतीश सरकार ने भूकंप से बचाव के क्रम में राज्य के हर जिले में 'भूकंप क्लीनिक' खोलने का फैसला किया है। इस पहल के तहत राज्य की राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में इस ये क्लीनिक खुल भी चुके हैं। 

भूकंप एक ऐसी आपदा है, जो कहीं भी कभी आ सकती है। ऐसे में भूकंप की संभावना को देखते हुए इलाकों को सेसमिक जोन के आधार पर बांटा जाता है। इन सेसमिक जोन्स में बिहार को सेसमिक जोन-4 के तहत रखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेसमिक जोन 4 को देखते हुए अगर बिहार में .5 की तीव्रता का भूकंप आए तो इससे बड़े पैमाने पर नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। 

भूकंप की संभावना को देखते हुए बिहार सरकार ने प्रदेश के हर जिले में भूकंप क्लीनिक खोलने का निर्णय लिया है। इन क्लीनिक में लोगों को ऐसे इलाकों में बनने वाले ईंट और सीमेंट से बने मकान के बारे में बताया जाएगा। यहां इंजीनियर बताएंगे कि मकान की नींव किस तरह से तैयार की जाए, के साथ ही पिलर की गहराई, सरिया का साइज और इ्स्तेमाल किस तरह से किया जाए। इसके साथ ही  मकान में वेंटिलेशन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसी तरह, बांस और घास-फूस से बनने वाले मकानों को सुरक्षित रखने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     

कई बार भूकंप का डर दिखा कर बिल्डर लोगों को गुमराह करते हैं। वे गुमराह करके अपनी मार्केटिंग भी करते हैं। ऐसे में भूकंप क्लीनिक लोगों में जागरुकता भी फैलाएगी।