दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच अब दिखाई दे सकती है और कड़वाहट
नई दिल्ली । मुख्य सचिव नरेश कुमार को मिले छह महीने के सेवा विस्तार के बाद सरकार में कामकाज के दौरान अधिकारियों और आप सरकार के बीच और कड़वाहट दिखाई दे सकती है। जिस तरह से आप सरकार ने मुख्य सचिव के पद से नरेश कुमार की छुट्टी कराने के लिए जोर लगाया, यहां तक कि परिवार को लेकर भी उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, इसका असर काम पर भी दिखाई पड़ सकता है, जिससे नुकसान जनता को ही होगा। दिल्ली सरकार में कार्यरत एक अधिकारी की मानें तो मुख्य सचिव अपने बेटे पर लगाए गए आरोपों से काफी आहत हुए हैं। उनके अनुसार आरोप बिना सिर पैर के हैं, हालांकि सरकार आज भी अपने आरोपों पर कायम है। दिल्ली सरकार की बात करें तो सचिवालय से लेकर अन्य सरकारी कार्यालयों में भी बुधवार को मुख्य सचिव के सेवा विस्तार को लेकर चर्चा रही। दिल्ली के लिए इस पद पर पहला मौका है जब किसी अधिकारी को सेवा विस्तार दिया गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना नरेश कुमार को कर्मयोगी मानते हैं। उनकी नजर में नरेश कुमार ने अपने कार्यकाल में बेहतरीन काम किया है। राजनिवास सूत्रों की मानें नरेश कुमार ही वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने सरकार की ओर से किए गए विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया है, इसलिए दिल्ली सरकार को वह खटक रहे हैं। सरकार नहीं चाहती है कि नरेश कुमार रहें। इसके लिए उनके सेवा विस्तार को रोकने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाए गए। बुधवार को अधिकारियों में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर उत्सुकता रही। अधिकारी इस बारे में जानकारी लेते रहे। इस मुद्दे पर जोर आजमाइश तब से शुरू हुई, जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने वर्तमान मुख्य सचिव नरेश कुमार को सेवा विस्तार देने के लिए फाइल केंद्र सरकार के पास भेजी। यह जानकारी सामने आने पर दिल्ली सरकार इसके विरोध में आ गई थी। दो स्तर पर मोर्चाबंदी शुरू की। एक तरफ इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई तो दूसरी ओर उनके बेटे को जोड़ते हुए भ्रष्टाचार के दो बड़े आरोप मुख्य सचिव पर लगा दिए। बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में 850 करोड़ का घोटाला बताकर मुख्य सचिव पर आरोप लगाया तो मुख्य सचिव ने इसका जोरदार खंडन किया गया। दूसरे मामले में बेटे की कंपनी को दिल्ली सरकार के लीवर एवं पित्त संस्थान (आइएलबीएस) अस्पताल में बगैर टेंडर के एक काम दिए जाने का आरोप लगाया गया। जबकि इस मामले में संबंधित कंपनी कह चुकी है कि उसका मुख्य सचिव के बेटे करण चौहान से कोई लेना देना नहीं है।