उचे दर्शन और छोटे कपड़े फैलाते हुवे मन्दिरो में नग्नता
जनादेश की आवाज
मीडिया प्रवक्ता समूह समाचार
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उचे दर्शन घटते कपड़े : बड़े बड़े परिवार के मोडन वियक्ति विश्व प्रसिद्ध देव स्थान श्री महाकालेश्वर मंदिर पर vip दर्शन गर्भगृह से करते है और अपने आप को पड़ा लिखा समझते है । इन से अच्छे तो ग्रामीण के अनपढ़ लोग होते है जो मरियातीद कपड़े पहना करते है ओर अपने नग्न शरीर का प्रदशन नही करते... vip कल्चर ने अपने परिवार के बच्चों की नग्नता को जनता के बीच प्रदर्शित किया है । इन बच्चों के साथ इनके माता पिता और परिवार वाले होते है । छोटे से छोटे पकड़े पहन कर मन्दिरों में दर्शन करने आ जाते है और मंदिरो में अश्लीलता फैलाते फिरते है। कोई देख लेतो उनको सभ्यता का पाठ पढ़ाने लग जाते है और सीधे संस्कार की बात करते है पर उन्होंने ही संस्कार को ताक पर रख कर अपने परिवार की नग्नता को प्रसारित किया है ।अन्य धर्मों में है ऐसा नही होता है वहा पर छोटे पकड़े पहने वालो को अंदर घुसने नही देते...अपने लोग ही अपने धर्म का मजाक बना कर रख दिया है... नग्नता फैलाते फिरते है , ओर देखने वालों को सभ्यताओं का पाठ पडा ते है...कई vip महिलाये विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पर ब्रा में ही साड़ी लफेट कर दर्शन करते देखी गई... एक नही अनेक तरह के चलते फिरते जीवित उदाहरण महाकाल मंदिर में देखने को मिल जायेगा...सन्देश : अन्य धर्मों के तरह अपने मन्दिरो में भी प्रबंध समितियों को कपड़ो पर कोई नियम लाना चाहिए ?अपने सुवर्थ को सार्थक करने के लिए जब रातो रात नियम लागू हो जाते है इस नियम को लागू करवाना पड़ेगा ।जिला कलेक्टर ओर महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष तथा प्रशासक को उपरोक्त विषय पर ध्यान दे कर मंदिरो में फैलती नग्नता को रोकना चाहिए ।हमारे जनप्रतिनिधियों को उपरोक्त विषय मे प्रभावी नेताओं और अधिकारियों से सटीक चर्चा कर निर्णय लेना चाहिए ।
या ऐसे ही फैलती रहेगी मन्दिरो में नग्नता... रोकने वाला कौन होगा ?