बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में दिखाई दी दहशत, आसपास के सभी स्कूलों में छुट्टी....
Bathinda: पंजाब के बठिंडा स्थित आर्मी एरिया में फायरिंग की खबर आ रही है। कैंटोनमेंट एरिया को सील कर दिया गया है। छावनी में घटना के बाद किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। सेना ने फायरिंग की पुष्टि करते हुए बताया है कि घटना में 4 फौजियों की मौत हो गई है।
सेना ने पूरे इलाके को किया सील
सेना के दक्षिणी पश्चिमी कमांड ने एक बयान जारी कर बताया है बठिंडा मिलिट्री स्टेशन के अंदर आज तड़के करीब 4.35 बजे फायरिंग की घटना में चार लोगों के हताहत होने की खबर है। स्टेशन क्विक रिएक्शन टीमों को सक्रिय कर दिया गया। सेना ने पूरे इलाके को सील किया हुआ है। सर्च ऑपरेशन जारी है।
रक्षामंत्री ने बुलाई बैठक
प्रोटोकॉल के मुताबिक रक्षा मंत्री को घटना की जानकारी दी गई है। रक्षा मंत्री ने बठिंडा की घटना को लेकर बैठक बुलाई है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) को भी बताया गया है।
ये आतंकी घटना नहीं: एडीजीपी
पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसपीएस परमार ने बताया कि यह आतंकवादी हमला नहीं है। ये हमला बाहर से नहीं हुआ है। इसमें अंदर के लोग ही शामिल हैं। बठिंडा के एसएसपी गुलनीत खुरुना ने कहा कि सेना के द्वारा शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, किसी आतंकी खतरे का शक नहीं है। उन्होंने कहा कि मिलिट्री स्टेशन के अधिकारियों ने अभी तक पीड़ितों की पहचान की पुष्टि नहीं की है।
बठिंडा है अहम मिलिट्री स्टेशन
बठिंडा देश का अहम और महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान है। बठिंडा में 10 कॉर्प्स का मुख्यालय है। यह जयपुर स्थित दक्षिण पश्चिमी कमांड के अधिकार क्षेत्र में आता है। स्टेशन में बड़ी संख्या में ऑपरेशनल आर्मी यूनिट मौजूद हैं।
आर्टिलरी यूनिट के थे चारों जवान
सेना ने बताया कि गोलीबारी में आर्टिलरी यूनिट के चार जवानों की मौत हो गई। कर्मियों को कोई चोट या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है। मामले की पंजाब पुलिस के साथ संयुक्त जांच की जा रही है।
आसपास के स्कूलों में छुट्टी
फायरिंग की घटना के चलते, छावनी में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में भी छुट्टी कर दी गई है। छावनी में काम करने वाले लोगों को भी छावनी में नहीं जाने दिया गया। छावनी को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
इंसास राइफल और कई कारतूस गायब
पंजाब पुलिस के सूत्रों ने बताया कि घटना से दो दिन पहले इंसास रायफल और 28 जिंदा कारतूस गायब हो गए थे। इसके पीछे सेना के कुछ जवानों का हाथ हो सकता है। फिहलाल मिलिट्री स्टेशन के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं।