जून का महीना कई तरीके से जरूरी है। जहां आज यानी 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों का एलान होगा। वहीं कल से भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू होगी। इस बैठक में रेपो रेट समेत कई बड़े फैसले लिए जाएंगे।

आम जनता की नजर रेपो रेट में कटौती पर बनी रहती है। दरअसल, अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो इससे लोन की EMI कम हो जाती है।

आरबीआई की एमपीसी बैठक को लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि देश में बढ़ती महंगाई के बीच आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती की संभावना नहीं है। केंद्रीय बैंक ने पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखा था।

फरवरी 2023 से केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में बदलाव किया था। फरवरी 2023 में रेपो रेट को 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया था।

कब होगी एनपीसी बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा

भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक तीन दिवसीय होती है। इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास करते हैं। यह बैठक 5 जून 2024 से शुरू होगी और इस बैठक में लिए गए फैसलों का एलान 7 जून 2024 (शुक्रवार) को होगी।

अगर इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होता है तो यह लगातार 8वीं बार होगा जब रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया जएगा।

क्या होता है रेपो रेट? 

केंद्रीय बैंक देश के बाकी बैंक को संचालन के लिए कर्ज देता है। यह कर्ज जिस दर पर दिया जाता है उसे ही रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट का सीधा कनेक्शन लोन (Loan) से होता है। दरअसल, केंद्र सरकार जिस दर पर बैंक को कर्ज देता है बैंक भी उसी दर पर आम जनता को लोन देती है।

अगर आरबीआई रेपो रेट में कटौती का फैसला लेता है तो फिर होम लोन (Home Loan), व्हीकल लोन (Vehicle Loan) और बाकी लोन की दरें भी कम हो जाती है।