राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने सरकार में अपनी स्थिति के सवाल पर मुंह पर उंगली रखकर कहा- मौनम स्वीकृति लक्षणम् अर्थात चुप रहना स्वीकृति का लक्षण है। लोकसभा चुनाव में किरोड़ीलाल को जिन सात लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी थी, उन पर हारने के बाद चर्चा है कि मीणा 4 जून को ही अपना इस्तीफा सरकार को सौंप चुके हैं लेकिन इसका क्लाइमेक्स अभी बाकी है।

कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने दौसा में मीडिया से रूबरू होते हुए राज्य में चल रही कृषि योजनाओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की बहुत सी योजनाएं हैं, जिनसे किसानों को आर्थिक रूप मजबूत किया जा सकता है। इन योजनाओं की जानकारी देने के लिए विभाग ने एक पुस्तक भी छपवाकर रखी है। इसे किसानों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। 

उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दृष्टि से योजनाओं को लागू करना मेरी प्राथमिकता रहेगी और इन योजनाओं पर किसी प्रकार की भ्रष्टाचार नहीं हो इस पर मेरी  सख्त निगरानी रहेगी। डॉ. किरोड़ी मीणा के इस तरह के बयान के बाद उनके इस्तीफे को लेकर चल रही चर्चाओं में एक बार फिर तेजी आ गई है।

राज्य में बजट को लेकर होने वाली बैठक के बारे में किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि फिलहाल यह बैठक निरस्त हो गई है लेकिन इस बजट में किसानों और ग्रामीण विकास के लिए क्या प्रावधान किए जा सकते हैं उस पर मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के सामने बात रखेंगे।

पेपर लीक के मामले पर उन्होंने कहा कि परीक्षा कराने वाली एजेंसी ईमानदार हो। इस मामले में सख्त कानून बनाए जाने की जरूरत है। इन परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। 

मंत्री पद से अपने इस्तीफे के सवाल पर होंठों पर उंगली रखते हुए उन्होंने कहा, मौनम स्वीकृत लक्षणम। सचिवालय नहीं जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज छुट्टी है, कल से जाऊंगा। पार्टी की हार के मंथन वाली बैठक में नहीं जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरा माउंट आबू में कार्यक्रम तय था इसलिए नहीं जा पाया।