कांग्रेस सांसद शशि थरूर की मुश्किलें बढ़ गई है। उनकी दिवंगत पत्नी सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत द्वारा थरुर को मिली क्लिन चिट को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर कांग्रेस नेता शशि थरूर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दिल्ली हाई कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 7 फरवरी 2023 को करेगी। सुनवाई के दौरान शशि थरूर की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट विकास पाहवा ने कोर्ट से कहा कि याचिका की प्रति उन्हें नहीं दी गई है।उन्होंने जानबूझकर उस ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया है जिसका वो इस्तेमाल नहीं करते हैं। याचिका निचली अदालत के फैसले के बाद 15 महीने की देरी से दाखिल की गई। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि हम इस पर नोटिस जारी करेंगे।

थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा कि निचली अदालत के साथ-साथ हाई कोर्ट के भी आदेश थे कि मामले के रिकॉर्ड को बाहरी व्यक्ति के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि मीडिया ट्रायल चल रहा है। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि लेकिन ये सार्वजनिक दस्तावेज हैं। विकास पहवा ने कहा कि नहीं, वे दस्तावेज सार्वजनिक नहीं हैं। विकास पाहवा ने दिल्ली हाई कोर्ट के नियमों के चैप्टर 17 का संदर्भ देते हुए कहा कि आपराधिक मामले में रिकॉर्ड की कॉपी सिर्फ पक्षकारों को उपलब्ध कराई जाती है। केवल कोर्ट के आदेश के बाद ही रिकॉर्ड अभिलेख प्राप्त किए जा सकते हैं।

मामले में याचिकाकर्ता दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है और ऐसे किसी भी व्यक्ति को दस्तावेज नहीं दिए जाएंगे जो इस मामले में पक्षकार नहीं है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस अर्जी पर नोटिस जारी किया जिसमें रिवीजन पिटीशन फाइल करने में देरी को माफ करने की मांग की गई थी।आपको बता दें कि शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़े मामले में निचली अदालत ने बरी कर दिया था। निचली अदालत के फैसले को 15 महीने बाद दिल्ली पुलिस ने चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।