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उज्जैन     ।   पंकज शर्मा  पत्रकार & चीफ इन एडिटर
अलौकिक कथा - ज्ञान की गंगा

संसार में दो प्रकार के पेड़ पौधे होते हैं।प्रथम - अपना फल स्वयं दे देते हैं... जैसे आम, अमरुद, केला इत्यादि।द्वितीय - अपना फल छिपाकर रखते हैं... जैसे - आलू, अदरक, प्याज, मूंगफली इत्यादि।जो फल अपने आप दे देते हैं, उन वृक्षों को सभी खाद-पानी देकर सुरक्षित रखते हैं और ऐसे वृक्ष फिर से फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं।किन्तु जो अपना फल छिपाकर रखते है वे जड़ सहित खोद लिए जाते हैं और एक बार तो उनका वजूद ही खत्म हो जाता हैं।

ठीक इसी प्रकार...जो व्यक्ति अपनी विद्या, धन, शक्ति स्वयं ही समाज सेवा में समाज के उत्थान में लगा देते हैं उनका सभी ध्यान रखते हैं और वे मान-सम्मान पाते है।वही दूसरी ओर...जो अपनी विद्या, धन, शक्ति स्वार्थवश छिपाकर रखते हैं। किसी की सहायता से मुख मोड़े रखते है। वे जड़ सहित खोद लिए जाते है अर्थात् समय रहते ही भुला दिये जाते है।प्रकृति कितना महत्वपूर्ण संदेश देती है बस समझने,सोचने और कार्य में परिणित करने की बात है।