नई दिल्ली। लोकसभा का चुनाव परिणाम चार जून को आएगा, उसके पहले ही भितरघात पर कांग्रेस पार्टी में घमासान तेज हो गया है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व चांदनी चौक लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी जेपी अग्रवाल के पुत्र मुदित अग्रवाल ने पार्टी के ही एक पूर्व विधायक पर चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के साथ उनकी बहन को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है।

हरि शंकर गुप्ता ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

पार्टी सूत्रों के अनुसार वह वजीरपुर से पूर्व विधायक हरि शंकर गुप्ता है, जो चांदनी चौक लोकसभा सीट से पार्टी टिकट के दावेदारों में एक थे। जिन्होंने, मुदित के आरोपों को मनगढ़ंत और बेबुनियाद बताया है। इसके पहले, एक्स पोस्ट पर मुदित अग्रवाल ने लिखा है कि चांदनी चौक लोकसभा, जिला आदर्श नगर मे कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक ने लोकसभा चुनाव में सारी हदें पार कर दी। साथ नहीं दिया कोई बात नहीं, जमकर विरोध किया कोई बात नहीं, लेकिन अपने गुर्गों से मेरी बड़ी बहन को तंग कराया, उनके साथ बदतमीजियां करवाई और डराया-धमकाया, जो अपने चाचा जय प्रकाश अग्रवाल का चुनाव प्रचार कर रही थीं।

"बेटियों के साथ नीच और शर्मनाक हरकत"

उन्होंने आगे लिखा कि राजनीति में प्रतिद्वंद्वी बहुत होते हैं, परंतु बहन, बेटियों के साथ ऐसी नीच और शर्मनाक हरकतों को कराने वाले सभ्य समाज मे रहने लायक नहीं होते। यह वही महाशय हैं जिन्होंने 2020 मे हार के डर से चुनाव लड़ने के बजाय रण छोड़कर भागना उचित समझा। इस मामले में उन्होंने दिल्ली के पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव व चुनाव आब्जर्वर सीपी जोशी को जानकारी देते हुए कार्रवाई की मांग की है। टिकट वितरण के दौरान भी पार्टी का कलह खुलकर सामने आया था जब प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली समेत कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था।

चुनाव प्रचार के दौरान भी पार्टी में रही उठापटक

सूत्रों के अनुसार, चुनाव प्रचार के दौरान भी पार्टी में काफी उठापटक रही। कई वरिष्ठ नेता पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने मैदान में नहीं उतरे या विरोध किया। इस संबंध में पूछे जाने पर हरि शंकर गुप्ता ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए आरोप लगाया कि पार्टी प्रत्याशी ने ही उन्हें प्रचार में आने से मना कर दिया था। मैंने प्रचार इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्होंने मना कर दिया। प्रत्याशी के न आने के कारण उन्हें एक सार्वजनिक बैठक निरस्त करनी पड़ी। इस स्थिति में वह दिल्ली छोड़कर हिमाचल प्रदेश में प्रचार करने चले गए। वह अभी वहीं हैं, उन्होंने मुदित के चचेरी बहन को धमकी देने के सवाल पर कहा,  "उनकी जानकारी में यह बात आई थी कि मुदित की बहन से कुछ नाराज कार्यकर्ताओं से बहस हुई थी, लेकिन उसमें जैसा कुछ नहीं था।"