विकास के लिए कीमत चुकाना पड़ती है
सती माता का चबूतरा विधि विधान से स्थानांतरित
जनादेश कि आवाज
मीडिया प्रवकता समूह
न्यूज बुलेटिन24x7लाईव
पंकज शर्मा
उज्जैन । कई वर्षों से स्थापीत विश्वप्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर के प्रमुख गेट पर विराजित सती माता मंदिर गुप्त नवरात्री के प्रथम दिन है मन्दिर विकास को देखते हुवे तत्काल हटा दिया गया ।मंदिर हटा ये जाने का पहले हिंदूवादियों ने विरोध उग्र दर्ज करवा दिया था पर विकास के लिए विनास जरूरी है ।सती माता मंदिर को विकास के लिए कीमत चुकाना पड़ी पुनः स्थापना हो या ना हो ये समय बताएगा ।प्रेस : श्री महाकाल महाराज परिसर विस्तार योजना के तहत विगत दिनों महाकाल मंदिर परिसर के बाहर शिखर दर्शन के विकास हेतु चल रही खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर के पूरा अवशेष प्राप्त हुए थे ।कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा उक्त पूरा अवशेष की जांच करवाने हेतु पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय भोपाल से आग्रह किया गया था।
उपसंचालक उत्खनन पुरातत्व विभाग ने बताया कि पुरातत्व संचालनालय के तकनीकी दल के पर्यवेक्षण में साइंटिफिक डेबरिस क्लेरेंस का कार्य किया गया। इसमें 11 वीं सदी के विशाल मंदिर के अवशेष प्रकाश में आए हैं ।उक्त पुरातन विशाल मंदिर का गर्भगृह अभी भी मलबे में दबा होने से इसकी सफाई की जाना आवश्यक है ।मलबे के ठीक ऊपर बने हुए सती माता के चबूतरे को इस आवश्यक कार्य के लिए स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध पुरातत्व विभाग द्वारा पत्र लिखकर किया गया ।
इस तारतम्य में आज 2 फरवरी को एसडीएम श्री गोविंद दुबे , तहसीलदार सूश्री पूर्णिमा सिंघी , नगर निरीक्षक श्री मुनेंद्र गौतम की उपस्थिति में सती माता चबूतरे को विधि विधान से पूजन अर्चन उपरांत महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थान ( यज्ञशाला के निकट )स्थानांतरित कर दिया गया है ।यह जानकारी एडीएम श्री संतोष टैगोर द्वारा दी गई ।