धौलपुर । राजस्थान के धौलपुर जिले में दर्जन भर से ज्यादा गावों के लोगों को भीषण गर्मी में कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर पानी लाना पड़ रहा है। पिछले 50 सालों से यहां पानी की किल्लत है। सरमथुरा इलाके के डांग क्षेत्र के ग्रामीण तालाब और कुंआ से गंदा और बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं। 
जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर भैंसेना, भैसाख, समोला समेत दर्जन भर गांव के लोगों भीषण गर्मी में पानी  की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पीने के लिए पानी लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई कुएं हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर सूख चुके हैं और कुछ में से खारा पानी आता है जो पीने लायक तो बिल्कुल भी नहीं है। साल 2019 में लोकसभा चुनाव में धरना प्रदर्शन कर मतदान का बहिष्कार किया था। जिसके बाद प्रशासन के लोगों और नेताओं ने आश्वासन देकर ग्रामीणों को वोट के लिए राजी कर लिया था। उन्होंने भी आजतक अपना वादा पूरा नहीं किया है। जल जीवन मिशन योजना की बात करें तो इस ग्राम पंचायत में टंकी भी नहीं बनी है। ग्राम पंचायत के सरपंच यादव सिंह पानी की टंकी के लिए अधिकारियों से लेकर सांसद मनोज राजोरिया से गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन समस्या हल नहीं निकला है। ग्रामीणों ने बताया कि तालाबों में गंदा पानी भरा हुआ है। महिला और बच्चे सुबह और शाम पानी भरने जाते हैं। गंदे पानी घर लाते हैं फिर उसे कपड़े में छाना जाता है। इसके बाद पानी उबाला कर इस्तेमाल किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि मार्च के महीने में ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। मवेशी पालक भी पानी की समस्या की वजह से अपने रिश्तेदारों के यहां चले जाते हैं। जिसके बाद दूध जैसी सम्याओं के लिए जूझना पड़ता है।