गुड फ्राइडे को क्यों कहा जाता है 'गुड'?
नई दिल्ली। गुड फ्राइडे 2024: दुनियाभर में ईसाई समुदाय आज यानी 29 मार्च के दिन गुड फ्राइडे मना रहा है। इसे ब्लैक फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। गुड फ्राइडे ईस्टर संडे से दो दिन पहले मनाया जाता है और यह दिन ईसाई समुदाय में सबसे खास माना जाता है। ईसाइयों की मान्यता के अनुसार, इस दिन ईसा मसीह ने बुराई को खत्म करने के लिए अपनी जान का बलिदान दिया था। यह दिन चिंतन, स्मरण और श्रद्धा का होता है। अपने धार्मिक महत्व के अलावा, यह दिन सदियों से चली आ रही परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखता है।
इस पवित्र दिन से जुड़े कई दिलचस्प तथ्य भी हैं, जो इसके इतिहास, परंपराओं और सांस्कृतिक प्रभाव के बारे में बताते हैं।
1. इस दिन का नाम कैसे रखा गया?
इस पवित्र दिन को 'गुड फ्राइडे' कहा जाता है, जबकि यह दिन शोक मनाने का होता है। ऐसे में सभी के दिल में यह सवाल जरूर आता है कि फिर इसे 'गुड' क्यों कहा जाता है? इतिहास को देखें तो ऐसा लगता है कि यह टर्म अंग्रेजी फ्रेज़ गोड्स फ्राइडे से आया है, जहां 'गुड' यानी 'अच्छे' का मतलब पवित्रता से है।
2. तारीख फिक्स नहीं है
जैसे क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है, उसी तरह गुड फ्राइडे हर साल एक ही दिन नहीं आता। हर साल इसकी तारीख में बदलाव होता है। इसकी तारीख मार्च में होने वाली पूर्णिमा के अनुसार निर्धारित की जाती है, जिसके अनुसार यह 20 मार्च और 23 अप्रैल के बीच रहता है।
3. पवित्र हफ्ते का है हिस्सा
गुड फ्राइडे पवित्र हफ्ते का हिस्सा है, जो पाम संडे (Palm Sunday) से शुरू होकर ईस्टर संडे (Easter Sunday) पर खत्म हो जाता है। दुनियाभर के चर्च इस दिन खास सर्विस रखते हैं।
4. क्रॉस का है खास महत्व
ईसाई धर्म का चिन्ह क्रॉस, एक खास महत्व रखता है। 'क्रॉस' यीशु मसीह के क्रूसीकरण और उनके जुनून और मृत्यु के मुक्तिदायक लाभों को याद करता है। इस तरह क्रॉस खुद ईसा मसीह और ईसाइयों के विश्वास दोनों का प्रतीक है।
5. धार्मिक क्रिया और मौन
गुड फ्राइडे धार्मिक कामों और चिंतन का दिन है। क्योंकि इस दिन यीशु मसीह का क्रूसीकरण हुआ था, इसलिए कई गिरजाघरों में घंटी नहीं बजाई जाती और सर्विस भी काफी शांत तरीके से पूरी की जाती है।
6. धार्मिक रंग भी हैं
पश्चिमी ईसाई धर्म में, विशेष रूप से कैथोलिज़्म में, गुड फ्राइडे का धार्मिक रंग काला या लाल होता है, जो शोक और यीशु द्वारा बहाए गए खून का प्रतीक है। वहीं, पूर्वी देशों में आमतौर पर काला या गहरा पर्पल रंग को धार्मिक माना जाता है।
7. गर्म क्रॉस बन्स बनाने की है परंपरा
कई देशों में गुड फ्राइडे के दिन पारंपरिक तौर पर हॉट क्रॉस बन्स और स्पाइस्ड स्वीट बन्स बनाए जाते हैं। इनके ऊपर क्रॉस भी बनाया जाता है। इन पर बना क्रॉस, सूली पर चढ़ाए जाने का प्रतीक है, जबकि मसाले उन चीज़ों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनका उपयोग यीशु के शरीर को क्षत-विक्षत करने के लिए किया गया था।
8. बाइबिल में है जिक्र
गुड फ्राइडे की घटनाओं का जिक्र बड़े पैमाने पर न्यू टेस्टामेंट्स में किया गया है, विशेष रूप से चार गॉस्पेल- मैथ्यू, मार्क, ल्यूक और जॉन में। इसमें यीशु के परीक्षण, सूली पर चढ़ने और दफनाने के बारे में विस्तार से बताया गया9. दुनियाभर में मनाया जाता है
9. दुनियाभर में मनाया जाता है
दुनियाभर में मौजूद ईसाई समुदाय इस दिन को मनाया है, जिसमें कई तरह की परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन भी किया जाता है। कुछ देशों में इस दिन छुट्टी भी होती है। लोग इस दिन जुलूस निकालते हैं और उपवास रखते हैं।
10. ईस्टर से संबंध
गुड फ्राइडे के बाद ईस्टर संडे मनाया जाता है, जो यीशु मसीह के पुनर्जन्म का जश्न मनाता है। गुड फ्राइडे और ईस्टर संडे के बीच की अवधि को ईस्टर ट्रिडुम के रूप में जाना जाता है, जो लेंटेन सीज़न की समाप्ति का भी प्रतीक है।