उज्जैन।होटल कर्मचारी से बैंकों में खाते खुलवाने के बाद 5 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन करने के मामले में माधव नगर पुलिस को लेनदेन करने वाले सरगना की तलाश है जो अभी दुबई में है। इधर सबसे पहले कोतवाली सीएसपी पल्लवी शुक्ला द्वारा होटल कर्मचारी और उसकी मां को थाने में बंद करने की धमकी देकर 5 लाख रुपयों की मांग करने के मामले का सबसे पहले 10 मार्च को खुलासा करने के बाद गृह विभाग द्वारा सीएसपी शुक्ला को भोपाल मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। बता दें होटल कर्मचारी युवक द्वारा कोतवाली व माधव नगर थाने में अलग-अलग एफआईआर की गई है जबकि सीएसपी द्वारा रुपये मांगने की शिकायत की जांच एएसपी द्वारा की जा रही है।

सीधे आरोप के बाद दलाल की भूमिका आई थी सामने

कोतवाली सीएसपी पल्लवी शुक्ला पर होटल कर्मचारी युवक राहुल मालवीय ने पहले सीधे तौर पर पांच लाख रुपये मांगने के आरोप लगाये थे। हालांकि एफआईआर में उसने लिखवाया कि सुनील बैरागी निवासी बहादुरगंज ने सीएसपी के नाम पर 5 लाख रुपये मांगे। रुपये नहीं देने पर राहुल और उसकी मां जयश्री को थाने में बंद करने की धमकी दी। खास बात यह कि राहुल की मां जयश्री द्वारा कलेक्टर को दिये शिकायती आवेदन में इसका उल्लेख है। गृह विभाग द्वारा सीएसपी पर रुपये मांगने के आरोप लगने के बाद उन्हें कोतवाली थाने से हटाकर पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच कर दिया गया है। सीएसपी कार्यालय के अन्य कर्मचारियों पर एसपी द्वारा कार्रवाई की गई है।

सरगना की तलाश में इंदौर पहुंची टीम को मिले कई सुराग
राहुल मालवीय की रिपोर्ट पर माधव नगर पुलिस ने सौरभ गुप्ता निवासी कनाडिया इंदौर, भोला, मांगीलाल सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की गई। भोला और मांगीलाल के गिरफ्त में आने के बाद यह खुलासा हुआ कि भोला के भी सौरभ ने बैंकों में खाते खुलवाकर करोड़ों का लेनदेन किया, जबकि मांगीलाल खाना बनाने का काम करता है।मांगीलाल का कहना है कि मैं तो भोला के साथ राहुल मालवीय से रुपये लेने उज्जैन आया था। माधव नगर पुलिस की टीम ने सौरभ गुप्ता की तलाश में इंदौर में डेरा डाला है जहां पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस अफसरों ने बताया कि सौरभ 11 मार्च को दुबई चला गया था। उसका वीजा 20 मार्च तक का है। अब उसके इंडिया लौटने के बाद गिरफ्तारी लेकर पूछताछ की जायेगी।

राहुल मालवीय की कहानी के कुछ पात्र पुलिस जांच से बाहर
राहुल मालवीय निवासी पदमावती नगर कानीपुरा रोड़ द्वारा अपने आवेदन और अफसरों को सुनाई कहानी के कुछ पात्र अभी पुलिस जांच से बाहर नजर आ रहे हैं। ऐसे समझें राहुल की कहानी के पात्रों को- राहुल का कहना था कि होटल पर सत्यप्रकाश नामक व्यक्ति सबसे पहले उसे मिला था। वही सरगना सौरभ गुप्ता के पास लेकर गया। पुलिस सौरभ को तलाश रही है, सत्यप्रकाश का कोई पता नहीं। वह रायगढ़ का रहने वाला बताया जाता है। राहुल द्वारा बैंक खाते से 23 लाख रुपये निकालकर मकान खरीदने के बाद सौरभ गुप्ता अपने साथ भोला, मांगीलाल व अन्य लोगों को लेकर उज्जैन आया। माधव नगर थाने में बैठाकर मकान अपने नाम कराया। पुलिस ने भोला और मांगीलाल को पकड़ लिया जबकि सुनील चावड़ा निवासी देसाई नगर जिसके घर राहुल को ले जाकर मारपीट की गई वह भी जांच से बाहर है। राहुल मालवीय का कहना है कि सौरभ गुप्ता का परिचित मंगल सिंह जो स्वयं को कोटक बैंक का अफसर बताता है वह राहुल से फोन पर संपर्क में था लेकिन पुलिस जांच में मंगल सिंह अभी बाहर है।

बैंक खातों में 1 करोड़ 80 लाख जमा…

माधव नगर पुलिस ने राहुल मालवीय और भोला के बैंक खातों की जांच व लेनदेन संबंधी जानकारी के लिये कोटक महिन्द्रा, एचडीएफसी, आई.सी.आई.सी.आई व अन्य बैंकों के अफसरों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। शनिवार रविवार बैंक अवकाश रहने की वजह से अभी अधिक जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाई। पुलिस अफसर बताते हैं कि राहुल और भोला के बैंक खातों में अभी 1 करोड़ 80 लाख रुपये जमा होने की बात सामने आई है जिसकी पुष्टि की जाना है। सोमवार को बैंक खुलने के बाद करोड़ों रुपयों का ट्रांजेक्शन कहां-कहां हुआ किस फर्म को रुपये पहुंचे इसका खुलासा होगा।

न्यूज़ सोर्स : Pavan Sharma