जयपुर । ऊर्जा विभागअतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से बिजली कंपनियों के सीएमडी, एमडी व वरिष्ठ अधिकारियों से रुबरु होते हुए कहा है कि राज्य के तीनों डिस्कॉम्स सहित ऊर्जा क्षेत्र से जुडी राज्य सरकार की सभी कंपनियों में वित्तीय सुदृढ़ीकरण के लिए संभावित उपायों पर मंथन किया जाएगा। 
उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी संभावित विकल्पों पर विचार कर सुझाव देने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ ही तीनों डिस्काम्स के एमडी या तकनीकी प्रतिनिधियों व वित्त अधिकारियों का भी समावेश किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले दिनों कोल संकट व इसके बाद की ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठकों में इस संबंध में ठोस प्रयास करने की आवश्यकता प्रतिपादित कर चुके हैं। इसी तरह से ऊर्जा विभाग का कार्यभार संभालने के बाद विद्युत भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान ऊर्जा राज्य मंंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने भी बिजली कंपनियों में वित्तीय अनुशासन लाने पर जोर दिया है। भाटी ने बैठकों में विद्युत लागत कम करने और निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।  एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कहा कि देश के करीब करीब सभी राज्यों के डिस्काम्स वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उच्च स्तरीय समिति गठित कर समिति को सभी संभावित उपायों पर विचार कर तात्कालीक और दीर्घकालीक उपाय सुझाने को कहा गया है। समिति में तकनीकी विशेषज्ञों, प्रशासनिक विशेषज्ञों और वित्त प्रबंधकों को जोडऩे का मुख्य उद्देश्य समग्र चिंतन व मंथन के आधार पर ठोस और कारगर सुझाव प्राप्त करना है। समिति को जल्दी ही तय समयसीमा में रिपोर्ट देने को कहा गया है।