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उज्जैन । पंकज शर्मा पत्रकार


इन दिनों गर्मी का मौसम चल रहा है, इस मौसम में सब को ठंडक की आवश्कता पड़ती है या यूं कहा जाए कि सब ठडक चाहिए और खास तो तब जब गर्मी तपे ओर आप नंगे पैर हो, ओर आपका परिवार आपके साथ हो, आप देव दर्शन यात्रा पर विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पर गजब का अनुभव होगा आपका, जब आप देखेंगे कि यहा की सुविधा केसी है ।

जहा बहारी यात्रियों को चलने के लिए रोड पर कालीन तो है पर उस कालीन पर विकल खड़े है और बहुत सी छोटी छोटी दुकाने लगी है, ऐसा लगता हो जैसे ये कालीन यात्रियों के लिए नही बल्कि विकल ओर दुकान दारो के लिए ही मंदिर समिति ने बिछाई हो ।

आप ओर आपके परिवार के छोटे छोटे बच्चे नंगे पांव तपती दुप में सिर्फ और सिर्फ अपनी चप्पल लेने के लिए परेशान हो रहे है, कोई सुनने वाला बताने वाला नहीं,  कोई भी किसी भी प्रकार का साइन बोर्ड नही, हमे नही पता हमने चपल जूते कहा खोले हम किस रास्ते बाबा महाकाल के दर्शन करने गए और कोनसे रास्ते से बहार आ गये ।

महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और प्रशासक को देखना चाहिए कि मंदिर समिति ने जो यात्रियों की सुविधा के लिए सुविधा की गई है उसका उपयोग 

कोन कर रहा है ? 

कैसे कर रहा है ?

क्या उपयोग हो रहा है ?

हमारी मीडिया प्रवक्ता टीम ने कुछ यात्रियों से बात की तो पता चला कि हम  यूपी से बड़ी आशा लेकर कर परिवार के साथ बाबा महाकाल के दर्शन करने आये है  । हमने 250 rs दर्शन रसीद खरीद कर दर्शन करें,  यहा  कोई सही मुह बात नही करता कोई कहता है छुटे पैसे नही है, सामने से चले जावो, इधर से मत आवो पता नही है क्या, जाने कहा कहा से आ जाते है, गजब का सिस्टम है हर एक का पैसा लगता है... 

मीडिया प्रवक्ता टीम से
पंकज शर्मा
पत्रकार
9522225666