नई दिल्ली   | केंद्रीय बजट में पर्यावरण की दिशा में बेहतर सुधार करने के लिए बायोमास पैलेट को हथियार बनाने की बात कही गई है। इससे खेतों से पराली की समस्या खत्म होगी व दिल्ली-एनसीआर में लोग बेहतर हवा में सांस ले सकेंगे। सरकार इसके लिए बायोमास पैलेट को ईंधन के रूप में विद्युत ताप केंद्रों में इस्तेमाल करेगी, जिससे खेतों में पराली की जलने की समस्या कम हो सकेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा है कि पांच से सात फीसदी  बायोमास पेलेट को थर्मल पावर प्लांटों में जलाया जाएगा, जिससे प्रतिवर्ष 38 एमएमटी कार्बन डाईऑक्साइड की बचत होगी। वित्त मंत्री का कहना है कि इस कदम से किसानों को अतिरिक्त आय होगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

साथ ही खेतों में पराली को जलाने से भी रोका जा सकेगा।इस संबंध में पर्यावरण मूल्यांकन समिति के सदस्य व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डॉ. दीपांकर शाहा कहते हैं कि सरकार के इस नए कदम से दिल्ली-एनसीआर में पराली के प्रदूषण को लेकर समस्या कम हो सकती है। क्योंकि, हर साल सितंबर के अंत से लेकर नवंबर तक पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की घटनाएं दर्ज की जाती हैं। इससे हर साल दिल्ली-एनसीआर में रह रहे लोगों की सांसों पर संकट खड़ा हो जाता है।