हरियाणा के सिरसा में परीक्षा में न बैठने देने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में गांव शाहपुरिया के पीड़ित छात्र ने पुलिस सुरक्षा के बीच दसवीं की परीक्षा दी। पुलिस कर्मी पीड़ित छात्र को घर से गाड़ी में लेकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और परीक्षा समाप्त होने तक स्कूल में ही पुलिस तैनात रही। शाहपुरिया निवासी विजय सिंह अपने पूरे परिवार को लेकर गुरुवार सुबह करीब साढ़े 5 बजे गांव से पलायन कर शहर आ गया। उसने कोर्ट में पेश होकर बताया कि उनके बेटे की 10वीं की परीक्षा शुक्रवार है, लेकिन इससे पहले ही दबंग लोगों ने आकर परीक्षा में ना बैठने देने व जान से मारने की धमकी दी है।

25 मार्च को गांव शाहपुरिया निवासी विजय कुमार ने उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को आकर बताया कि वह अनुसूचित जाति से संबंध रखता है और उसका नाबालिग बेटा गांव के ही राजकीय विद्यालय में 10वीं कक्षा का छात्र है। 31 मार्च से परीक्षा शुरू होनी है, लेकिन प्रिंसिपल ने नाम काट दिया और परीक्षा में भी नहीं बैठने दिया जा रहा। एक मार्च को दबंगों ने उसकी और नाबालिग पुत्र की पिटाई भी की। पुलिस ने मारपीट करने और स्कूल में प्रवेश ना करने देने पर प्रिंसिपल सहित 7 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, लेकिन चोपटा पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई। पीड़ित छात्र को सुरक्षा कर्मी अपने साथ लेकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे थे और वापस भी लेकर आए हैं। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती सुरक्षा बल उनके घर पर तैनात रहेगा।