जयपुर । गहलोत सरकार में सचिवालय में सोना मिलने के जिस मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी ने विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। उसी भर्ष्टाचारी को गहलोत सरकार के क्लीनचीट देने पर हाईकोर्ट ने भजनलाल सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो को जमकर फटकार लगाई है। मामले पर हाईकोर्ट ने एंटी करप्शन के मुखिया मेहराड़ को कोर्ट बुलाकर कहा कि जिस आईटी विभाग में इतना भ्रष्टाचार हुआ कि घर में सोना नहीं रखने पर दफतर की अलमारियां भर दी उसे क्लीनचीट कैसे दे सकते हो।
इस पर एसीबी के मुखिया एडीजी कोर्ट में खामोश खड़े रहे। कोर्ट ने कहा कि आपको जांच तो करना था। 2019 में आईटी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप के दफतर में अलमारियों में सोना और पत्नी के बैंक अकाउंट में करोड़ों मिले थे।  एसीबी ने इस मामले की जांच में यह कहकर एफआर की फाइनल रिपोर्ट लगा दी कि यादव की पत्नी के पिता ने उसे दिया था। कोर्ट ने एसीबी से कहा कि आप 4 सप्ताह में पिछला सरकार के 5 साल के सभी टेंडरों की जांज करें। इस पर एसीबी के मुखिया ने कहा कि सरकार से करवा लीजिए हमारे पास संसाधन कम हैं। साथ ही मामले की जांच इतने कम वक्त में नहीं होगी। इस पर कोर्ट ने कहा आप ही जांच कीजिए वक्त हम देखेंगे। इस मामले पर याचिकाकर्ता का कहना कि आरोपी कुलदीप के पास विभाग के कई बड़े अधिकारियों का पैसा है। जिसे सरकार बचाने रही है। कांग्रेस सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने फाइनेंस सेक्रेटरी अखिल अरोड़ा पर आरोप लगाए थे। किरोड़ी के इस्तीफा वापस नहीं लेने की वजह यह भी बताई जा रही है कि भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के फाइनेंस सेक्रेटरी अखिल अरोड़ा को अब तक बनाए रखा है।